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ड्राइवर ने पहले पिलाई उसको जमकर शराब, फिर एक झटके में किया काम तमाम

locationअजमेरPublished: Dec 15, 2017 09:11:42 am

Submitted by:

manish Singh

कार के एवजी चालक ने उसे पहले शराब पिलाई फिर लूट के इरादे से दो साथी के साथ शॉल से मुंह दबाकर गले में कैंची उतार दी।

police solve murder case in ajmer

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ज्वैलरी और रहन-सहन ही उसकी जान का दुश्मन बन गया। कार के एवजी चालक ने उसे पहले शराब पिलाई फिर लूट के इरादे से दो साथी के साथ शॉल से मुंह दबाकर गले में कैंची उतार दी। दम निकलने तक मुंह को दबाए बैठे रहे।
पुलिस की साइक्लोन टीम व दरगाह थाना पुलिस ने लाखन कोटड़ी नाई मोहल्ला में हुए मर्डर का 24 घंटे में राजफाश कर दिया। पुलिस ने कार को चलाने वाले एवजी चालक व उसके दो साथियों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों ने लूट के इरादे से वारदात को अंजाम दिया।
पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह ने बताया कि लाखन कोटड़ी निवासी घनश्याम केसवानी का शव बुधवार को उसके घर रसोईघर में मिला। गले में धारदार हथियार घोंपकर उसकी हत्या की गई थी।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) भोलाराम यादव, वृत्ताधिकारी ओमप्रकाश मीणा और दरगाह थानाप्रभारी मानवेन्द्र सिंह के नेतृत्व में साइक्लोन टीम, पुलिस टीम ने कार्रवाई को अंजाम दिया। साइक्लोन टीम की लीड पर केसवानी के एवजी चालक मध्यप्रदेश उज्जैन हाल पन्नीगरान चौक न्यू मक्का हाउस निवासी सद्दाम हुसैन को हिरासत में लिया।
केसवानी के मोबाइल पर वारदात से पूर्व उसकी कॉल थी। सद्दाम पुलिस पूछताछ में ज्यादा देर टिक नहीं सका। उसके बयान पर पुलिस ने गुजरात जूनागढ़ उना मच्छी मार्केट हाल नला बाजार अजीम गेस्ट हाउस निवासी अशवत व झारखण्ड पलामू हुसैनाबाद इस्लामगंज हाल अजीम गेस्ट हाउस निवासी इमरान उर्फ हाफिज को गिरफ्तार किया। पुलिस ने लूट का माल भी बरामद कर लिया। मुंह नहीं खोलना
पुलिस गिरफ्त में आए इमरान, अशवत ने बताया कि तीनों ने पुलिस पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर भी मुंह बंद रखने की बात तय हुई। सद्दाम ने मुंह बंद रखने की बात कही, लेकिन सबसे पहले वही टूटा जबकि इमरान व अशवत पुलिस सख्ती के बाद भी चुप्पी साधे रहे।
पुलिस पड़ताल में सामने आया कि सर्दी के सीजन में गेस्ट हाउस का काम मंदा चलने पर सद्दाम की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। उसने इमरान व अशवत को षडय़ंत्र बताया तो दोनों तैयार हो गए लेकिन वारदात में उनको उम्मीद से कम रकम मिली।
यूं हुआ खुलासा
पुलिस को केसवानी की मोबाइल कॉल डिटेल में सद्दाम का नम्बर मिला। वह घनश्याम की कार चलाने के साथ-साथ उसके लिए मांस-मदिरा की व्यवस्था करता था। सद्दाम ने वारदात से पहले नला बाजार स्थित अजीम गेस्ट हाउस में षडय़ंत्र रचा। वारदात की रात भी उसने केसवानी को कॉल कर पूछा। वह रात 11.30 बजे उसके घर के पिछले दरवाजे पर पहुंचा।
केसवानी ने दरवाजा खोला तो वह भीतर चला गया। सद्दाम के आने के बाद केसवानी ने शराब का सेवन किया। इसी दौरान अशवत और इमरान भी पहुंच गए। तीनों ने केसवानी के मुंह पर शोल डालकर गले पर कैंदी से वार कर हत्या कर दी। शव को रसोई घर में डालकर कमरों की तलाशी ली। ज्वैलरी और नकदी अजीम गेस्ट हाउस ले गए। यहां उन्होंने लूट की रकम बांट ली।
यह थे शामिल

वारदात के बाद गठित की गई टीम में हैड कांस्टेबल राजेन्द्र शर्मा, सूरज करण, सिपाही महेन्द्र सिंह, रतन सिंह, गिरीराज सिंह, इकबाल खान, सोहनलाल, जितेन्द्र विजय, मुकेश कुमार, मदन सिंह की संयुक्त टीम व साइबर सेल हैड कांस्टेबल जगमाल दायमा, सिपाही देवेन्द्र सिंह, सुनील मील, आशीष शामिल थे।
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