पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र सिंह ने बताया कि गेगल थाना पुलिस ने पीसांगन पिचौलिया निवासी सांवर सिंह पुत्र गोपीसिंह रावत की निर्मम हत्या के मामले में गोडिय़ावास निवासी रामसिंह उर्फ रामू और जयसिंह को गिरफ्तार किया। पुलिस की प्रारम्भिक पड़ताल में सामने आया कि सांवर सिंह सोमवार शाम गोडिय़ावास तिराहा स्थित ठेके पर शराब सेवन के लिए आया। यहां पहले से रामसिंह उर्फ रामू और जयसिंह शराब पी रहे थे। सांवर सिंह भी शराब पीने बैठ गया। देर शाम तक जाम झलकाने के दौरान उनमें विवाद हो गया। सांवर ने नशे में उनके साथ गाली-गलोंज कर दी।
आक्रोशित रामसिंह और जयसिंह ने उसके साथ मारपीट कर दी। वह उसकी पिटाई करते हुए खदान तक ले गए। यहां रामसिंह और जयसिंह ने नशे में सांवर सिंह के सिर में पत्थर दे मारा। पुलिस ने जवाहरलाल नेहरू अस्पताल की मोर्चरी में रखे सांवर सिंह के शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया।ग्रामीणों ने देखा था साथ
पुलिस पड़ताल में सामने आया कि सोमवार शाम गाडिय़ावास में सांवरसिंह को शराब के ठेके पर देखा गया था। रामसिंह व जयसिंह भी वहां मौजूद थे। तीनों ने शराब खरीदकर पी ली, लेकिन इसी दौरान रामसिंह व जयसिंह की सांवर सिंह से कहासुनी हो गई। यह बाद में झगड़े में तब्दील हो गई। इसकी परिणिति सांवरसिंह की हत्या के रूप में सामने आई।
गुमराह करने की कोशिश
हत्या के आरोपित जयसिंह और रामसिंह ने मृतक सांवर सिंह के कपड़े खोल दिए, ताकि पुलिस को गुमराह किया जा सके, हालांकि उन्हें ठेके पर हुए विवाद के पुलिस तक पहुंचने का अंदाजा नहीं था। पुलिस को शराब ठेके के सेल्समैन व आस-पास के लोगों से इसकी जानकारी मिली। पुलिस ने ठेके के सेल्समैन सहित पांच जनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की।
त्वरित कार्रवाई आई काम पुलिस उप अधीक्षक (अजमेर ग्रामीण) राजेश वर्मा के निर्देशन में थानाप्रभारी नरपतराम बाना के नेतृत्व में गठित गेगल थाने की टीम में एएसआई तेजमल, हैड कांस्टेबल श्रवणलाल, सिपाही रामलाल, गणेश, कैलाश, शंकरलाल ने भूमिका निभाई। पुलिस को वारदात के बाद बस स्टैंड पर मिली बाइक से जहां मृतक की पहचान संभव हो सकी। वहीं शराब के ठेके पर की गई पड़ताल के बाद के बाद मुख्य आरोपित तक पुलिस पहुंच सकी।