तलाशी अभियान में इंडिया मोटर सर्किल, जयपुर रोड, आगरा गेट, बजरंगगढ़, गौरव पथ, पुरानी चौपाटी आसपास का इलाके के होटल, रेस्टोरेंट, मॉल में तलाशी ली गई। पुलिस की बढ़ी हलचल से अफरा-तफरी का माहौल हो गया। पैदल मार्च में कोतवाली थानाप्रभारी धर्मवीर सिंह, क्रिश्चियन गंज थानाप्रभारी विजेन्द्र सिंह गिल और सिविल लाइन्स थानाप्रभारी करण सिंह खंगारोत शामिल थे।
फिर से दिखाई सख्ती
कुछ समय के अंतराल के बाद फिर से शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ सख्ती दिखाना शुरू कर दिया है। वैध शराब की बिक्री व शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की। मालूम हो कि पुलिस अधीक्षक राजेंद्र सिंह ने पिछले चार-पांच महीने से पुलिसकर्मियों को शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ विशेष कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
कुछ समय के अंतराल के बाद फिर से शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ सख्ती दिखाना शुरू कर दिया है। वैध शराब की बिक्री व शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की। मालूम हो कि पुलिस अधीक्षक राजेंद्र सिंह ने पिछले चार-पांच महीने से पुलिसकर्मियों को शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ विशेष कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
गश्त में लगाई क्यूआरटी एसपी राजेन्द्र सिंह ने पुलिस लाइन में तैनात जिला पुलिस की क्वीक रेस्पोंस टीम (क्यूआरटी) को शहर की गश्त में तैनात कर दिया। सुबह से क्यूआरटी के जवान शहर की सड़क, चौराहों पर गश्त करते नजर आए। इन्होंने विभिन्न चौराहों, शहर की खास सड़कों और तिराहों-चौराहों पर बंदूक लेकर नजर रखनी शुरू कर दी है।
नए साल के चलते सख्ती पच्चीस दिन बाद साल 2017 विदा हो जाएगा। साल के अंतिम दिन यानि 31 दिसम्बर को प्रतिवर्ष लोग जश्न मनाते हैं। होटल-रेस्टोरेंट और ढाबों में रातभर पार्टियां चलती हैं। कई बार शराब पीकर नौजवान और मनचले सड़कों पर फरार्ट से गाडिय़ां दौडाते हैं। शहर में झगड़े-फसाद भी होते हैं। इसको देखते हुए पुलिस ने अभी से सख्ती शुरू कर दी है। होटल-रेस्टोरेंट की छानबीन इसका पहला चरण है। धीरे-धीरे पुलिस रात को गश्त बढ़ाएगी।
अजमेर की खराब पोजिशन हाल में पुलिस मुख्यालय ने पूरे प्रदेश के पुलिस अधीक्षकों की परफॉरमेंस रिपोर्ट जारी की थी। इसमें अजमेर की स्थिति काफी खराब है। अजमेर पूरे राजस्थान में 34 वें पायदान पर है। यहां पिछले कुछ समय में अपराधों का ग्राफ बढ़ा है। इनमें हत्या, लूटपाट, चोरियां, चेन स्नेचिंग, ड्रग्स का कारोबार शामिल है। तमाम दावों के बावजूद पुलिस अपराधों पर नियंत्रण नहीं कर सकी है।