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पशुअस्पताल पर असामाजिक तत्वों का कब्जा

कलक्टर व जिला परिषद पहुंची ग्रामीणों की शिकायत गगवाना का मामला

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मुख्यालय के चक्कर लगाने से मिलेगी निजात

मुख्यालय के चक्कर लगाने से मिलेगी निजात

अजमेर. जिला प्रशासन भले ही प्रतिमाह सभी उपखंड अधिकारियों की बैठक लेकर अतिक्रमण के मामलों में सख्ती बरतने के निर्देश जारी करता है लेकिन धरातल पर यह निर्देश नजर नहीं आते है। अतिक्रमियों के हौसले इतने बुलंद है कि ग्राम पंचायत व अजमेर विकास प्राधिकरण की भूमि पर तो कब्जा कर ही रहे हैं अन्य विभागों के भूमि और कार्यालयों तक पर कब्जा जमा रहे हैं। ऐसा ही मामला सामने आया है गगवान के पशु चिकित्सालय भवन में। यहां गगवाना के ही कुछ लोगों ने पशु चिकित्सालय भवन पर कब्जा जमा लिया है। यहां कब्जा कर चारदीवारी व शौचालय का निर्माण भी कर लिया गया है। सरकारी कुंए को भी कब्जे में ले लिया है। मामले की शिकायत जिला कलक्टर तक पहुंची है। शिकायत के अनुसार ओमप्रकाश यादव ने गगवाना में सार्वजनिक कुएं के पास पशु चिकित्सालय की भूमि चिकित्सालय भवन चिकित्सकों के क्वार्टर में कब्जा जमा लिया है। शौचालय व चारदीवार को भी निर्माण कर लिया है। पशु चिकित्सालय के क्वार्टर में ही इंद्रा, इकबाल व छोटू मिंया के परिवार रह रहे हैं। यह खानबदोश तथा मध्य प्रदेश निवासी बताए जा रहे हैं।

कोरोनाकाल में हुआ कब्जा

पशुपालन विभाग इनका अतिक्रमण हटवाने में नाकाम साबित हो रहा है। कोरोना महामारी के दौरान पशु चिकित्सालय की भी कब्जा हुआ है। भूमि, क्वार्टर, अस्पताल व कुआ खसरा नम्बर 1138, 1138/3020, 2965 पर बने हुए हैं। इसका मालिकाना हक ग्राम पंचायत का है। यह सम्पत्ति ग्राम पंचायत कार्यालय से महज 50 मीटर की दूरी पर है। अतिक्रमण के मामले मेें सभी ने आंखे मूंद रखी हैं।

जांच में हो रही लापरवाही

मामले की शिकायत मिलने पर जिला परिषद एसीईओ मुरारी लाल वर्मा ने पंचायत समिति श्रीनगर के विकास अधिकारी को मामले की जांच कर रिपोर्ट 7 दिन में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। लेकिन विकास अधिकारी मामले में लापरवाही बरत रहे हैं उन्होंने अब तक अतिक्रमण के मामले की जांच रिपार्ट जिला परिषद में प्रस्तुत नही की है। एसीईओ ने विकास अधिकारी को पुन: जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

इनका कहना है

मामले की जानकारी नहीं है, मुझे हाल ही श्रीनगर बीडीओ का चार्ज मिला है। चिकि त्सालय भूमि से अतिक्रमण हटाया जाएगा। मधूसूदन रत्नू, बीडीओ श्रीनगर

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