scriptअजमेर मुख्यडाकघर में डाक के बोरे भरे, सिर्फ 5 से 10 प्रतिशत डाक ही डिलीवर | Postal bags are filled in Ajmer main office, only 5 to 10 percent pos | Patrika News

अजमेर मुख्यडाकघर में डाक के बोरे भरे, सिर्फ 5 से 10 प्रतिशत डाक ही डिलीवर

locationअजमेरPublished: Apr 04, 2020 09:16:16 pm

Submitted by:

baljeet singh

आठ दिन बाद खुले पोस्टआफिस, आरएमएस से डाक वाहन सेवा
 

अजमेर मुख्यडाकघर में डाक के बोरे भरे, सिर्फ 5 से 10 प्रतिशत डाक ही डिलीवर

अजमेर मुख्यडाकघर में डाक के बोरे भरे, सिर्फ 5 से 10 प्रतिशत डाक ही डिलीवर

अजमेर. कोराना वायरस के चलते पिछले आठ दिन से बंद डाक विभाग का कामकाज संचार मंत्रालय के निर्देश पर एक अप्रेल से शुरू हो गया। वहीं स्थिति ये है कि मुख्यडाकघर में डाक के बैग भरे हैं और रोज अनिवार्य डाक की श्रेणी वाली डिलीवरी भी केवल पांच से दस प्रतिशत हो रही है। रेलवे मेल सर्विस की सेवाएं भी डाक वाहन के जरिए शुरू कर दी गई हैं।
जीपीओ के प्रवर डाकपाल सुनील बालचंदानी ने बताया कि 24 मार्च से ही डाक सेवाएं बंद हो गई थी। एक अप्रेल को संचार मंत्रालय के निर्देश पर डाक सेवाएं बहाल कर दी गईं और इसी के साथ नगर के सभी पोस्ट आफिस खुल गए। अनिवार्य सेवाओं के तहत स्पीड पोस्ट, पार्सल, रजिस्ट्री और मनिआर्डर डिलीवरी का काम शुरू किया गया है। इस काम के लिए तीस पोस्टमैन लगाए गए हैं जो घरों में तो डाक डिलीवर कर रहे हैं। लेकिन प्रतिष्ठानों व सरकारी, गैर सरकारी दफ्तरों में डिलेवरी नहीं हो रही है। इस कारण सरकारी विभागों की डाक 60 बैग में बंद है। जबकि साधारण डाक के करीब दो सौ बैग एेसे हैं जिनकी डाक लॉकडाउन के बाद ही डिलीवरी हो सकेगी।
सभी 9 काउंटर शुरू

बालचंदानी ने बताया कि शनिवार से जीपीओ के सभी नौ काउंटर संचालित हो गए हैं। जबकि पूर्व में केवल दो काउंटर पर काम किया जा रहा था। उनका कहना था कि शनिवार को 191 मनीआर्डर से 136 का भुगतान किया गया और करीब पांच सौ स्पीड पोस्ट डिलीवर किए गए। जीपीओ में 192 लोगों ने एक करोड़ 13 लाख रुपए का लेनदेन किया। उनका कहना था कि सरकारी दफ्तरों के बंद होने के कारण डाक लंबित हो रही है।
डिलीवरी के लिए वाहन लगाए

आरएमएस के प्रभारी रमेशचंद सांचेर ने बताया कि अजमेर से डाक लाने-ले जाने का सिलसिला जारी है। इसके लिए वाहन लगाए गए हैं जो जयपुर व उदयपुर तक डाक के बैग लेकर जाते हैं और वहां से आगे के लिए डाक रवाना की जाती है। फिलहाल सात कर्मचारियों की सेवाएं ली जा रही हैं जबकि आम दिनों में 18 कर्मचारी काम करते हैं और पिछली डाक के बैग भी काफी संख्या में हैं। उन्होंने कहा कि पास उपलब्ध नहीं होने से ड्यूटी करने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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