नगर के पावरलूम क्षेत्रों की हालत में अभी भी सुधार नहीं हुआ है। यहां कुछ रास्तों को छोडक़र अभी भी कच्चे ही बने हुए है। वहीं गंदे पानी के निकास के लिए नालियां भी नहीं बनी हुई है। कहीं है तो वे रूकी हुई हैं और कचरा भरा हुआ है। नियमित रूप से सफाई नहीं होने के कारण स्थायी परेशानी बनी रहती है। इस क्षेत्र की हालत सुधारे जाने की जरूरतों की ओर अभी तक ध्यान नहीं दिया गया है।
पक्की सडक़ों का अभाव इस क्षेत्र में अधिकतर पक्की सडक़ों का अभाव है। रास्ते कच्चे होने के कारण आवागमन में परेशानी बनी रहती है। इससे सफाई में भी दिक्कत होती है। यहां पक्के नाले और नालियां भी नहीं है। इससे भी श्रमिकों और क्षेत्रवासियों की समस्या बढ़ जाती है। लगभग 40 साल से ऐसी ही स्थिति बनी हुई है।
नहीं होती नियमित सफाई इस क्षेत्र में पावरलूम फैक्ट्रियों से निकलने वाला कचरा रास्तों में और खाली प्लाटों में डाला जाता है। यह कचरा नियमित रूप से नहीं उठाया जाता है। वहीं खाली प्लाटों में कचरे के ढेर एकत्रित हो जाते हैं। कई जगह तो इस कचरे को जला दिया जाता है जिससे प्रदूषण बढ़ता है।
बरसात में बढ़ जाती बीमारियां इस क्षेत्र में कमजोर बुनियादी ढांचे के अभाव के कारण बरसात में स्थिति बिगड़ जाती है। कई स्थानों पर बदबू आने लगती है। इस क्षेत्र में श्रमिकों को इसी स्थिति में कार्य करना पड़ता है। इससे श्रमिकों में बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।