टाटा दो जगहों के लिए तैयार शहर में फ्रैंचायजी टाटा पावर को शहर के करीब डेढ़ लाख उपभोक्ताओं की मंथली बिलिंग करनी है। वहां भी तैयारी पूरी बताई जा रही है। टाटा पावर ने वैशाली नगर (डी-5) व शास्त्री नगर सब डिवीजन में मंथली बिलिंग शुरु कर दी है। यहां जल्द उपभोक्ताओं को बिजली का मंथली बिल प्राप्त हो जाएगा। अक्टूबर से शहर के सभी उपभोक्ताओं को मंथली बिल मिलेंगे।
10 जिलो में मुश्किल मंथली बिलिंग मंथली बिलिंग की तैयारी में जुटे अजमेर विद्युत वितरण निगम को अजमेर के अलावा भीलवाड़ा,नागौर, राजसमन्द, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, चित्तौड़,उदयपुर, बांसवाड़ा, सीकर, झुंझुनू सर्किल में मुश्किलों को सामना करना पड़ रहा है। इसका कारण निगम को सॉफ्टवेयर प्रदान करने वाली कम्पनी ने भुगतान को लेकर हाथ खड़े कर दिए हैं। हालंाकि निगम व कम्पनी के बीच बातचीत चल रही है। कम्पनी का कहना है कि उसने जनवरी 2020 में ही मंथली बिलिंग की आवश्यकताओं के अनुसार प्रस्ताव तैयार कर निगम को दे दिया था,अतिरिक्त आधारभूत ढांचा तथा मैनपावर की जरूरत बताई गई थी लेकिन अब तक न तो कोई मंजूरी दी गई और न ही भुगतान दिया गया। मंथली बिलिंग के लिए कम्पनी को अपने सॉफ्टवेयर में कई बदलाव करना है।
आरईआरसी लगाएगी पेनाल्टी यदि मंथली बिलिंग नहीं हुई तो आरईआरसी अजमेर डिस्कॉम पर पेनाल्टी लगाएगा। दिसम्बर तक मंथली बिलिंग के लिए अजमेर डिस्काम आरईआरसी के समक्ष शपथ पत्र प्रस्तुत कर चुका है। अजमेर के अलावा अन्य 65 छोटे व शहरों में दिसम्बर तक इन शहरों के करीब 50 लाख उपभोक्ताओं को प्रतिमाह बिजली बिल जारी करना है।
यह है विवाद आरएपीडीआरपी योजना के तहत अजमेर, जयपुर व जोधपुर डिस्कॉम का डाटा सेंटर जयपुर में तथा रिकवरी सेंटर जोधपुर में बनाया गया था। इसमें 17 एप्लीकेशन सॉफ्टवेरय कम्पनी को तैयार कर देनी थी इसके बाद ही भुगतान होना था। इसके अलावा अजमेर डिस्कॉम के सभी कार्यालय में कम्प्यूटर और राउटर 800 एचटी उपभोक्ताओं के फीडर पर मोडम लगाए जाने थे इन्हें डाटा सेंटर से लिंक किया जाना था। कुछ समय बाद जयपुर डिस्कॉम ने डाटा सेंटर से खुद को अलग कर लिया इसके बाद डाटा सेंटर के भुगतान को लेकर मामला अटक गया। सॉफ्टवेयर कम्पनी अपना भुगतान मांग रही है।