scriptरुक-रुक के चलती है इनकी गाड़ी, सरकार नहीं बढ़ाना चाहती इनकी स्पीड | Principal post vacant in Govt engineering college since 3 years | Patrika News

रुक-रुक के चलती है इनकी गाड़ी, सरकार नहीं बढ़ाना चाहती इनकी स्पीड

locationअजमेरPublished: Nov 29, 2018 05:48:06 pm

Submitted by:

raktim tiwari

www.patrika.com/rajasthan-news

principal post vacant

principal post vacant

अजमेर.

राजकीय बॉयज इंजीनियरिंग और महिला इंजीनियरिंग कॉलेज कार्यवाहक प्राचार्य के भरोसे संचालित हैं। सरकार स्थाई प्राचार्यों की नियुक्ति को लेकर गंभीर नहीं है। बॉयज इंजीनियरिंग कॉलेज को तो तीन साल से कार्यवाहक प्राचार्य ही चला रहे हैं।
महिला इंजीनियरिंग कॉलेज में अब तक डॉ. श्रीगोपाल मोदानी, प्रो. एम.सी. गोविल प्राचार्य रहे। प्रो. गोविल के बाद कुछ वक्त डॉ. एम.एम. शर्मा कार्यवाहक प्राचार्य बने। सरकार ने वर्ष 2015 में डॉ. अजयसिंह जेठू को स्थाई प्राचार्य नियुक्त किया वे भी इस्तीफा देकर मालवीय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में वापस जा चुके हैं। फिलहाल इस कॉलेज का प्रभार बॉयज इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य प्रो. रंजन माहेश्वरी के पास है।
तीन साल साल से सिर्फ कार्यवाहक

प्राचार्य के मामले में बॉयज इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थिति बहुत खराब है। यहां जून 2015 से कार्यवाहक प्राचार्य ही कॉलेज चला रहे हैं। डेढ़ साल तक डॉ. जे. पी. भामू, उनके बाद छह माह तक डॉ. रोहित मिश्रा कार्यवाहक प्राचार्य रहे। पिछले छह महीने से प्रो. रंजन माहेश्वरी कॉलेज को संभाल रहे हैं।
फिर भी नहीं हुई नियुक्त
इस कॉलेज के स्थाई प्राचार्य के लिए अप्रेल 2016 में साक्षात्कार भी हुए। लेकिन नियुक्ति का अता-पता नहीं है। प्रो. माहेश्वरी भी मूलत: राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी में कार्यरत हैं। उन्हें सरकार ने अजमेर में अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंप रखी है।
प्रोफेसर नहीं चाहते प्राचार्य बनना?

इंजीनियरिंग कॉलेज में ज्यादातर एमएनआईटी जयपुर और जोधपुर के एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रोफेसर स्तर के शिक्षाविद प्राचार्य नहीं बनना चाहते हैं। आवेदनों में कई मर्तबा प्रोफेसर स्तर के शिक्षकों ने कम ही फार्म भरे हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो