आमजन के लिए लागू हुई शहर और जिले में लोक सेवा गारंटी योजना ज्यादा मददगार साबित नहीं हो रही है। योजनान्तर्गत जो काम 2 से 5 दिन में होने चाहिए, उनके लिए 5 दिन से 3 महीने तक लग रहे हैं। दस्तावेज बनाने और साइन करने वाले अधिकारियों की फील्ड में व्यस्तता, अवकाश, सरकारी शिविरों-कार्यक्रमों में ड्यूटी देरी इसकी सबसे बड़ी वजह है। यह स्थिति तब है, जब सरकार जवाबदेही कानून लाने में जुटी है।
व्यवस्था बेपटरी
मूल निवास, जाति प्रमाण पत्र, पेंशन योजना, ड्राइविंग लाइसेंस, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, वाहन पंजीयन सहित सभी आवेदन ई-मित्र अथवा कंप्यूटर से सीधे ऑनलाइन किए जा सकते हैं। लेकिन व्यवस्था बेपटरी है। ई-मित्र से लेकर दफ्तरों तक लोगों को कम से कम 5 से 10 चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
बहानों की भी भरमार
– सर्वर की स्पीड धीमी होने से कामकाज प्रभावित
– दस्तावेजों में आधार, वोटर आईडी जैसे दस्तावेज नहीं
– डीलिंग अफसर अथवा क्लर्क अवकाश पर
– अफसर की टेबल पर साइन में पड़ी है फाइल
– सरकारी शिविर में होने से कई फाइल पेंडिंग
– प्रिंट मेटेरियल, प्लास्टिक कार्ड नहीं दफ्तर में
– नहीं मैच हो रहे फोटो-फिंगर प्रिंट
यूं लग रहा है कामकाज में समय
रोड लाइट मरम्मत-2 दिन, काम हो रहा-4 से 5 दिन
पुलिस वेरिफिकेशन-2 से 3 दिन, काम हो रहा 5 से 10 दिन
सार्वजनिक शौचालय की सफाई-1 दिन, काम हो रहा-3 से 4 दिन
वाहनों का सामान्य पंजीयन-1 से 2 दिन, काम हो रहा-15 से 20 दिन
जाति प्रमाण पत्र-5 दिन, काम हो रहा-10 से 15 दिन
मूल निवास प्रमाण पत्र-5 दिन, काम हो रहा-10 से 15 दिन
विधवा, बुजुर्ग, नि:शक्तजन पेंशन-90 दिन, काम हो रहा-तीन से पांच महीने
स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस-2 से 3 दिन, काम हो रहा-6 से 8 दिन
ई-डब्ल्यूएस, एसी-एसटी प्रमाण पत्र-2 से 4 दिन, काम हो रहा-7 से 10 दिन
(नगर निगम, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, परिवहन, पेंशन विभाग)
287 सेवाएं हैं शामिल
राज्य सरकार ने लोक सेवा गारंटी योजना में 287 सेवाएं शामिल की हैं। इनमें 27 सरकारी विभाग शामिल हैं। तय समय सीमा में आमजन के कामकाज कराने की जिम्मेदारी संबंधित विभाग प्रमुखों की है, लेकिन अफसर कम ही ध्यान देते हैं। इनमें विश्वविद्यालय, कॉलेज, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड जैसे दफ्तर तो शामिल ही नहीं हैं।
निश्चित तौर पर आमजन के कामकाज निर्धारित और तय अवधि में होने चाहिए। विभागीय अधिकारियों को इसकी पालना भी करानी चाहिए।
प्रो. शिवप्रसाद, मैनेजमेंट विभागाध्यक्ष, मदस विवि