scriptकोयले की कमी से उत्पादन प्रभावित, गांव झेल रहे बिजली कटौती | Production affected due to shortage of coal, villages are facing power | Patrika News

कोयले की कमी से उत्पादन प्रभावित, गांव झेल रहे बिजली कटौती

locationअजमेरPublished: Aug 30, 2021 08:32:12 pm

Submitted by:

bhupendra singh

-अजमेर डिस्कॉम की बिजली की मांग में 16 फीसदी की बढ़ोतरी-आपूर्ति में कमी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही है 3-4 बंद हो रही बिजली
अजमेर डिस्कॉम

ajmer discom vigilance

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अजमेर. राज्य में चल रहा कोयला संकट ग्रामीण क्षेत्रों पर असर डाल रहा है। कोयले की कमी के कारण विद्युत उत्पादन इकाइयों में बिजली का उत्पादन प्रभावित है। इससे अजमेर विद्युत वितरण निगम के तहत आने वाले 11 जिलों के सैकड़ों गांवों में 3-4 घंटे की बिजली कटौती हो रही है। बिजली कटौती कभी दिन तो कभी रात्रि में हो रही है। एक ओर गर्मी, उमस तो दूसरी ओर बिजली कटौती कोढ़ में खाज का काम कर रही है।
बरसात नहीं होने से भीषण गर्मी झेल रहे लोगों की परेशानी बिजली कटौती के कारण लगातार बढ़ रही है। कटौती के विरोध मे लोग प्रदर्शन भी कर रहे हैं। खेती किसानी पर भी इसका असर है। कई बार बिजली कटौती दिन में एक बार होती है तो कभी दो बार। कोयले की कमी के चलते राज्य सरकार को 4 से 5 प्रति यूनिट की बिजली वर्तमान में 20 प्रति यूनिट तक कितनी पड़ रही है यानी 6 गुना महंगी बिजली।
प्रतिदिन 9.60 करोड़ का नुकसान
अजमेर डिस्कॉम की बिजली की मांग पिछले साल अगस्त की तुलना में इस महीने 15.87 प्रतिशत तक बढ़ गई है। अजमेर डिस्कॉम में गत वर्ष अगस्त में बिजली की मांग 1400180 लाख यूनिट की मांग थी वहीं अब इस वर्ष में अगस्त में बिजली का उपभोग बढ़कर 1600430 लाख यूनिट हो गया है। यदि औसत निकाला जाए तो प्रतिदिन अजमेर डिस्कॉम को 80 लाख यूनिट बिजली प्रतिदिन की अतिरिक्त मांग है पिछले साल की तुलना में यानी की करीब 9 करोड़ 60 लाख का नुकसान प्रतिदिन हो रहा है।
बारिश नहीं होना भी बढ़ा रहा मुसीबत
बारिश आशानुरूप नहीं होने के कारण कृषि तथा घरेलू क्षेत्र में बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है। निगम के तहत आने वाले कृषि प्रधान नागौर, सीकर, झुंझुनूं, उदयपुर में पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 10 से 20 प्रतिशत बिजली की मांग बढ़ी है। नागौर में किसानों के पास बड़े कृषि कनेक्शन हैं। बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है।
कृषि क्षेत्र में लगातार बढ़ रही मांग
नागौर में निगम की सर्वाधिक बिजली छीजत है तो वहीं नागौर में लगातार विद्युत की खपत भी बढ़ रही है। नागौर में पिछले साल अगस्त में 2453.76 लाख यूनिट की तुलना में इस वर्ष 2828.76 लाख यूनिट का बिजली की मांग। 435 लाख यूनिट का अधिक उपभोग हुआ है। बिजली की मांग में 17.73 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
सीकर में पिछले साल अगस्त में 1765.80 लाख यूनिट की तुलना में इस वर्ष अगस्त में 2159.97 लाख यूनिट मांग पहुंच गई। लगभग 394 लाख यूनिट अधिक उपभोग हुआ है। यह 22.32 प्रतिशत अधिक है।
यह है जिलो में बिजली की स्थिति

बांसवाड़ा में लगभग 424 लाख यूनिट की तुलना में 500 13.45 लाख यूनिट यानी 21.13 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

अजमेर जिला सर्किल में 985 लाख यूनिट की तुलना में 1125 लाख यूनिट यानी 14.15 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है।
अजमेर सिटी सर्किल में गत वर्ष अगस्त की तुलना में 981 लाख यूनिट की तुलना में इस वर्ष 1046 लाख यूनिट यानी 6.64 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है।

उदयपुर में पिछले साल 1430.46 लाख यूनिट की तुलना में इस वर्ष 1627.94 लाख यूनिट मांग पहुंच गई। लगभग 200 लाख यूनिट अधिक उपभोग हुआ है। यह 13.81 प्रतिशत अधिक है।
डूंगरपुर में 377,73 लाख यूनिट की तुलना में 429 लाख यूनिट यानी 13.59 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

चित्तौडगढ़़ में पिछले साल बिजली की मांग 1153.71 लाख यूनिट थी जो कि इस वर्ष बढ़कर 1263.56 लाख यूनिट पहुंच गई। 109.85 लाख यूनिट बढ़ोतरी के साथ मांग 9.52 प्रतिशत बढ़ी है।
झुंझुनू में पिछले साल 1698 लाख यूनिट की तुलना में इस वर्ष 1768 लाख यूनिट विद्युत उपभोग हो रहा है 4 .14 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

यहां उद्योंगो में बढ़ी बिजली की मांग
खेती नहीं होने के बावजूद भीलवाड़ा जिले में बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है। भीलवाड़ा में 1938.10 लाख यूनिट की तुलना में 2429.55 प्रतिशत अधिक मतलब 25.3 प्रतिशत अधिक है। बड़ी संख्या में कृषि कनेक्शन भी लम्बित चल रहे हैं।
यहां बिजली की मांग स्थिर
प्रतापगढ़ में पिछले साल 235.71 लाख यूनिट की तुलना में इस वर्ष 238.52 लाख यूनिट मांग पहुंच गई। लगभग 2.81 लाख यूनिट अधिक उपभोग हुआ है। यह 1.19 प्रतिशत अधिक है।
यहां सर्वाधिक बढ़ोतरी

राजसमंद में पिछले साल 734.71 लाख यूनिट की तुलना में इस वर्ष 938.84 लाख यूनिट मांग पहुंच गई। लगभग 204.44 लाख यूनिट अधिक उपभोग हुआ है। यह 27.84 प्रतिशत अधिक है।
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