कार्तिक पूर्णिमा के रंग से पुष्कर सराबोर है।
ठंडक भी श्रद्धालुओं को सरोवर में डुबकी लगाने से नहीं रोक पा रही।
समूची फिजा में आध्यात्म घुला देखा जा सकता है।
मेला मैदान में प्रतियोगिताएं जारी हैं।
धोरों में विदेशी सैलानी भी भारतीय सनातन संस्कृति के रंग में डूबे हैं।
खान-पान की महक भी चहुंओर फैली है।
ठेठ राजस्थानी रीति-रिवाज, खान-पान की महक भी चहुंओर फैली है।