अजमेर

पुष्कर के पास बनेगी संतों की नगरी

तीर्थ गुरू पुष्कर को टेम्पल
टाउन के रूप में विकसित करने के लिए प्रयास शुरू हो गए हैं। राजस्थान धरोहर संरक्षण
प्रोन्नति प्राधिकरण ने देश के साधु-संतों

अजमेरAug 31, 2015 / 06:39 am

कमल राजपूत

Ajmer news

अजमेर। तीर्थ गुरू पुष्कर को टेम्पल टाउन के रूप में विकसित करने के लिए प्रयास शुरू हो गए हैं। राजस्थान धरोहर संरक्षण प्रोन्नति प्राधिकरण ने देश के साधु-संतों के लिए पुष्कर के पास संत नगरी के नाम से आध्यात्मिक स्थल बसाने की योजना बनाई है। जिला प्रशासन ने संत नगरी के लिए पुष्कर के निकट होकरा और कानस में जमीन की तलाश शुरू की है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने गत 13 जून को बूढ़ा पुष्कर फीडर के शिलान्यास समारोह में पुष्कर को टेम्पल टाउन के रूप में विकसित करने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री ने टेम्पल टाउन के लिए पुष्कर, मध्य पुष्कर और बूढ़ा पुष्कर को जोड़ते हुए योजना बनाने को कहा था।

गत दिनों आयोजित बैठक में प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने प्रशासन को पुष्कर के पास देश के सभी मठ और पीठों के साधु संतों के लिए संत नगरी बसाने को कहा। संत नगरी में केवल साधु-संतों को ही भूखंड दिए जाएंगे जहां वे अपने मंदिर और आश्रम बना सकेंगे। संत नगरी में साधु संत और महात्मा अपने योग और तपस्या के साथ आध्यात्मिक शिक्षा का कार्य भी कर सकेंगे।

बूढ़ा पुष्कर का महत्व बढ़ेगा
कानस और होकरा में अजमेर विकास प्राधिकरण की सैकड़ों बीघा जमीन है। जिला प्रशासन चिह्नित करने के बाद एडीए से जमीन ली जाएगी। होकरा और कानस में संत नगरी बसने से बूढ़ा पुष्कर सरोवर पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित हो सकेगा।

पुष्कर के पास संत नगरी बसाने की योजना है। जमीन की तलाश कर रहे हैं। कानस और होकरा में एडीए की जमीन है।
हीरालाल मीणा, उपखंड अधिकारी पुष्कर

पुष्कर साधु-संतों की पहली पसंद
देश के साधु-संतों की पहली पसंद पुष्कर है। बड़ी संख्या में साधु-संतों ने पुष्कर और उसके आसपास के गांवों में जमीन लेकर अपने आश्रम और मंदिर बना रखे हैं। साधु-संत आश्रम बनाने के लिए अक्सर आसपास जमीन तलाश रहते हैं। जिन साधु-संतों के आश्रम नहीं हैं वे यहां धर्मशालाओं या मंदिरों की शरण लेते हैं। प्राधिकरण की इस पहल से न केवल साधु-संतों को सुविधा होगा बल्कि पुष्कर का आध्यात्मिक महत्व भी और बढ़ेगा।

सचिन मुद्गल

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