सनातन संस्कृति से समूचा पुष्कर सराबोर है। पंचतीर्थ स्नान भले ही रविवार से शुरू होगा लेकिन लोगों ने इससे पहले ही पहुंचना शुरू कर दिया है। पौराणिक मान्यता के अनुसार पुष्कर में ही प्रजापित ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी। ऐसा माना जाता है, कि पुष्कर सरोवर में कार्तिक माह के दौरान देवलोक से सभी देवता स्नान के लिए पहुंचते हैं। इस दौरान स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इसीलिए लोग पुष्करराज में डुबकी लगाने आते हैं।
जिला प्रशासन व नगरपालिका ने स्नानार्थियों के लिए पुष्कर सरोवर के घाटों पर पुख्ता इंतजाम किए हैं। मजिस्टे्रट लगाए गए है वहीं गहरे पानी के संकेतक के रूप में लाल झंडियां लगाई गई है। घाटों पर सुरक्षा के लिए महिला व पुरुष पुलिस की ड्यूटी लगा दी गई है। कार्तिक स्नान की डुबकी लगाने के लिए पुष्कर में श्रद्धालुओं की आवक शुरू हो गई है। धर्मशालाओं व होटलें फुल होने लगी है। रविवार को ब्रह्म मुहुर्त से ही पुष्कर सरोवर में आस्था की डुबकी लगाने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि 19 नवम्बर को आखिरी स्नान होगा तथा धार्मिक मेला सम्पन्न हो जाएगा।