अश्वपालकों का कहना है कि चौथ और चतुर्दशी तिथि को पशुपालक अपने घरों से घोड़ों पशुओं को ना तो बाहर ले जाते हैं और ना उनकी खरीद-फरोख्त करते हैं। यही कारण है कि पुष्कर पशु मेले में घोड़ों की आवक अपर्याप्त रही है।
पशु पालकों ने बताया कि मंगलवार को पंचमी तिथि है। यह शुभ मानी जाती है। अश्व और ऊंट पालक अपने पशुओं के लिए मोलभाव करते नजर आए। मेला मैदान में काफी चहल-पहल नजर आई। पशुओं की आवक निरंतर बढ़ती जा रही है। नए मेला मैदान में घोड़ों के अस्तबल सजने लगी है। पुलिस ने भी नए मेला मैदान में दड़ा थाना स्थापित कर दिया है तथा टेंट लगने शुरू हो गए हैं।