गहलोत और पायलट ने भी इस पर कुछ नहीं लिखकर बही वापस पुरोहित रामनाथ कौल और दीनानाथ को संभला दी। पुष्कर की यात्रा पर आने वाले महत्वपूर्ण व्यक्तियों से पुष्कर यात्रा के संस्मरण लिखाने की पुरानी परम्परा चली आ रही है। बहीं पर कुछ नहीं लिखने पर आखिर कुल पुरोहित ने ही राहुल गांधी की तरफ से पुष्कर यात्रा सुखद रहने और देश में अमन चैन कायम रहने की टिप्पणी लिख दी। इस बारे में पुरोहित का कहना है कि पहले बही के खाली कागज पर टिप्पणी लिखी गई बाद में राहुल गांधी के हस्ताक्षर कराए गए। पुरोहित ने यह स्वीकार किया है कि रजिस्टर में जो टिप्पणी है वह स्वयं राहुल ने नहीं लिखी। पुरोहित की ओर से लिखी टिप्पणी पर ही राहुल गांधी से हस्ताक्षर कराए गए हैं।