बरसाती पानी के साथ नृसिंह घाट, वराह घाट, जयपुर घाट आदि पर गंदगी बिखरी रहती है। बड़ी बस्ती, परिक्रमा मार्ग, हाईब्रिज मार्ग से कस्बे का सारा गंदा पानी, प्लास्टिक आदि सीधे पुष्कर सरोवर में जाते हैं। पुष्कर सरोवर के घाटों पर कबूतरों के लिए अनाज, मछलियों के लिए खाद्य पदार्थ, तेल के लड्डू, चावल की खील आदि डाली जाती है।
-सीवरेज लाइनें दुरुस्त कर एसटीपी से जोड़ा जाए।-पूरण कुंड में गंदे जल का एकत्रीकरण खत्म हो।-घाटों पर नियमित सफाई हो।
पूर्व सीएम वसुन्धरा राजे ने चार करोड़ की योजना तथा सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट की आठ करोड़ की योजना बनाई जो कंाग्रेस सरकार बनने के बाद से अधूरी है। केन्द्र से मिलकर सरोवर का जल गोल्डन टेम्पल की तरह साफ कराने की योजना स्वीकृत कराई जाएगी। इस बारे में जलशक्ति विभाग के मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से भी बात हुई है।
सरोवर में गंदे पानी की जावक रोकने की ठोस योजना बने। घाटों पर नियमित सफाई हो, अनाज ब्रिकी पर पाबंदी लगे, ऑक्सीजन प्लांट शुरू किया जाए। जल शुद्धि के उपाय कराना जरूरी है
पुजारी, ब्रह्मा मंदिर पुष्कर। हजारों श्रद्धालुओं की आस्था के केन्द्र व पुष्कर की लाइफ लाइन पुष्कर सरोवर में बढ़ रहा जल प्रदूषण बहुत चिंताजनक है। इसे दूर करने के लिए पुष्कर सरोवर में बीसलपुर का पानी डालने के साथ ही सीवरेज व्यवस्था दुरुस्त की जानी चाहिए।
– कुलदीप पाराशर