scriptगरीब नवाज यूनिवर्सिटी के नाम का पत्थर लगा कर जुटा रहे राशि | raising funds by putting stones in the name of Garib Nawaz University | Patrika News

गरीब नवाज यूनिवर्सिटी के नाम का पत्थर लगा कर जुटा रहे राशि

locationअजमेरPublished: Jan 30, 2020 02:12:20 am

ajmer news : शिलान्यास के साल भर बाद भी कायड़ में प्रस्तावित गरीब नवाज यूनिवर्सिटी के निर्माण का मुहूर्त नहीं निकला है। दरगाह कमेटी के पास फिलहाल यूनिवर्सिटी निर्माण के लिए मात्र 18 लाख रुपए ही जमा हो पाए हैं।

गरीब नवाज यूनिवर्सिटी के नाम का पत्थर लगा कर जुटा रहे राशि

गरीब नवाज यूनिवर्सिटी के नाम का पत्थर लगा कर जुटा रहे राशि

अजमेर. शिलान्यास के साल भर बाद भी कायड़ में प्रस्तावित गरीब नवाज यूनिवर्सिटी के निर्माण का मुहूर्त नहीं निकला है। पिछले साल 6 मार्च को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने यूनिवर्सिटी की नींव रखी। उसके बाद से अब तक एक भी ईंट नहीं रखी गई है।
दरगाह कमेटी ने 2020-21 के सत्र से ही यूनिवर्सिटी शुरू करने की घोषणा की थी। लेकिन हकीकत यह है कि अब तक न तो जमीन का भू-उपयोग परिवर्तन करवाया जा सका है और न ही बड़ी राशि जुटाई जा सकी है। दरगाह कमेटी के पास फिलहाल यूनिवर्सिटी निर्माण के लिए मात्र 18 लाख रुपए ही जमा हो पाए हैं। जबकि यूनिवर्सिटी शुरू करने के लिए 30 से 35 करोड़ रुपए चाहिए। यह बात अलग है कि कई बड़ी फर्मों ने अलग-अलग ब्लॉक बनाकर देने का आश्वासन कमेटी को दिया है।
जल्दबाजी में कराया शिलान्यास

दरगाह कमेटी पिछले कई सालों से गरीब नवाज यूनिवर्सिटी निर्माण के सब्जबाग दिखा रही है। पिछली कमेटियों ने तो यूनिवर्सिटी की जगह तक तय नहीं की। मौजूदा कमेटी ने इस दिशा में काम तो शुरू किया लेकिन आधी-अधूरी तैयारी के साथ शिलान्यास कराए जाने से मामला खटाई में पड़ा है। कमेटी के पास न तो यूनिवर्सिटी निर्माण के लिए पर्याप्त फंड था और न ही जमीन का भू-उपयोग परिवर्तन करवाया गया। ऐसे में कब तक युवाओं को इस यूनिवर्सिटी का लाभ मिल पाएगा, यह कहना मुश्किल है।
यह है योजना

दरगाह कमेटी का दावा है कि यहां अल्पसंख्यक और अन्य वर्गों के विद्यार्थियों को आधुनिक तालीम मिलेगी। इस यूनिवर्सिटी में यूनानी, आयुर्वेद, मेडिकल, टेक्निकल, प्रबंधन, उद्यमिता और कौशल विकास से जुड़े पाठ्यक्रम चलेंगे, जिससे युवाओं को लाभ मिलेगा।
इनका कहना है

भू-उपयोग परिवर्तन की फाइल चल रही है, बहुत जल्द यह कार्य हो जाएगा। उर्स के बाद दरगाह कमेटी का पूरा फोकस यूनिवर्सिटी निर्माण पर ही रहेगा। फंड की कमी नहीं रहेगी क्योंकि कई लोग सहयोग करने को तैयार हैं। उन्होंने अलग-अलग ब्लॉक बनाकर देने की बात कही है।
-अमीन पठान, अध्यक्ष दरगाह कमेटी

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