अजमेर

फिल्म ‘अजमेर 92’ से फिर चर्चा में आया अश्लील छायाचित्र ब्लैकमेल कांड

बहुचर्चित अश्लील छायाचित्र ब्लैकमेल कांड पर बनी फिल्म ‘अजमेर 92’ को लेकर विवाद, विरोध में संभागीय आयुक्त को दिया ज्ञापन, कार्रवाई की मांग
 

अजमेरJun 09, 2023 / 09:10 pm

manish Singh

फिल्म ‘अजमेर 92’ से फिर चर्चा में आया अश्लील छायाचित्र ब्लैकमेल कांड

अजमेर. शहर के सालों पुराने बहुचर्चित अश्लील छायाचित्र ब्लैकमेल कांड पर आधारित फिल्म ‘अजमेर 92’ को लेकर विवाद शुरू हो गया है। अखिल भारतीय सुन्नी जमात-उल-उलेमा समेत अजमेर दरगाह से जुड़ी खादिम समुदाय की संस्थाओं के पदाधिकारियों ने फिल्म पर एतराज जताया है। उनका आरोप है कि फिल्म के जरिए समुदाय विशेष के लोगों के प्रति नफरत फैलाने का प्रयास किया जा रहा है।

इस मामले में गुरुवार दोपहर रज़ा अकादमी मुम्बई के संस्थापक सईद नूरी, अखिल भारतीय सुन्नी जमात-उल-उलेमा नायब सदर मौलाना वली उल्लाह शरीफ, रजा अकादमी के मौलाना अमानुल्लाह रज़ा, अब्दुल रहमान जियाई ने यहां संभागीय आयुक्त सी.आर. मीणा को ज्ञापन दिया। उन्होंने ज्ञापन में बताया कि आगामी 14 जुलाई को रिलीज होने वाली फिल्म अजमेर 92 का पोस्टर और दृश्य समुदाय विशेष के प्रति नफरत व अफवाह फैलाने वाले हैं। उनका कहना है कि अजमेर दरगाह शरीफ ना केवल देश में बल्कि दुनियाभर के सभी धर्मों, जाति, समुदाय के लाखों लोगों की आस्था का केंद्र है। उन्हें पता चला है कि 26 मई को ‘अजमेर 92’ फिल्म के निर्माता ने फिल्म का पोस्टर जारी किया है। पोस्टर के अनुसार पुष्पेन्द्र सिंह फिल्म के निर्देशक है जबकि उमेश कुमार तिवारी निर्माता हैं। फिल्म के अधिकारिक पोस्टर सोशल मीडिया व अन्य प्लेटफार्म पर उपलब्ध हैं। पोस्टर में 1992 के अजमेर के बहुचर्चित अश्लील छायाचित्र ब्लैकमेल कांड को लेकर भ्रामक जानकारी दर्शाई गई है। जो समुदाय विशेष व अजमेर के लिए गंभीर है, जबकि प्रकरण कोर्ट में विचाराधीन है।

भ्रामक वीडियो पर करें कार्रवाई

उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर अजमेर दरगाह शरीफ से संबंधित नफरत, अफवाह फैलाने वाले व भ्रामक वीडियो गलत तरीके से अपलोड किए जा रहे हैं। असामाजिक तत्वों द्वारा कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश की जा सकती है। फिल्म के निर्माताओं ने यह भी खुलासा नहीं किया है कि उन्हें सीबीएफसी या आईएण्डबी भारत सरकार से अनुमोदन व प्रमाण पत्र प्राप्त किया है या नहीं। उन्होंने शहर में शान्ति व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए भ्रामक वीडियो डालने वालों के खिलाफ संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की मांग की।

गुस्ताखी नहीं होगी बर्दाश्त

खादिमों की संस्था अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सरवर चिश्ती ने भी सोशल मीडिया पर वीडियो जारी करते हुए फिल्म के जरिए नफरत फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कर्नाटक चुनाव के समय द केरल स्टोरी और अब राजस्थान चुनाव को देखते हुए अजमेर 92 की रिलीज को गलत ठहराया। उन्होंने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज की शान में गुस्ताखी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनका कहना है कि फिल्म को दरगाह व खादिम समुदाय से जोड़ा जा रहा है। जबकि घटनाक्रम में राजनीतिक पार्टी, कॉलेज के छात्र-छात्राएं व कर्मचारी शामिल थे। फिल्म में समुदाय विशेष को टारगेट किया जाना सही नहीं है।

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.