सरकार बनती बदलती रही लेकिन पुष्कर के हिस्से में सिर्फ वादे व घोषणा की बूंदें ही बरसी। विधानसभा चुनाव से पहले सोमवार को पत्रिका टीम ने पुष्कर विधानसभा क्षेत्र में ब्रह्मानगरी और उसके आसपास के गांव में मतदाता की नब्ज टटोली।
पत्रिका संवाददाता पुष्कर कस्बे में दाखिल होते पेड़ की छांव के नीचे बैठे लोगों से विधानसभा चुनाव में पुष्कर का मिजाज जानना चाहा तो उनका तर्क था कि सब कुछ दोनों पार्टी के टिकट वितरण पर निर्भर करता है। गोविन्द शर्मा ने विकास के सवाल पर कहा कि देखने-देखने वाले की नजर है। किसी को नजर आता है तो किसी को नहीं।
उन्होंने पुष्कर सरोवर में जाने वाले गंदे पानी के सवाल पर कहा कि सरोवर में बरसात का गंदा पानी वर्षों से जा रहा है। इस समस्या का समाधान न पहले निकाला गया न ही अब। भविष्य का किसी को पता नहीं आगे क्या होगा। वरिष्ठ नागरिक नृसिंह चौहान व मदन नेता का कहना है कि पुष्कर कस्बे में हमेशा से प्रत्याशी से ऊपर पार्टी रही लेकिन हार जीत का फैसला पुष्कर विधानसभा क्षेत्र के 210 गांव के मतदाता तय करते हैं। जहां वोटों का जातिगत ध्रुवीकरण ज्यादा असर दिखाता है।
जो साधे उसकी जीत
स्थानीय लोगों की बातचीत में सामने आया कि पुष्कर विधानसभा में बीते कुछ सालों में मुस्लिम वोटों की संख्या बढ़ी है। दूसरे नम्बर पर रावत समाज है लेकिन रावत समाज के दो पक्षों में विवाद के बाद सामाजिक स्तर पर राजनैतिक समीकरण बनते बिगड़ते नजर आ रहे हैं।
स्थानीय लोगों की बातचीत में सामने आया कि पुष्कर विधानसभा में बीते कुछ सालों में मुस्लिम वोटों की संख्या बढ़ी है। दूसरे नम्बर पर रावत समाज है लेकिन रावत समाज के दो पक्षों में विवाद के बाद सामाजिक स्तर पर राजनैतिक समीकरण बनते बिगड़ते नजर आ रहे हैं।
गनाहेड़ा निवासी छोटूलाल साहू का कहना है कि विकास के मुद्दे पर जनता सब जानती है। उन्होंने बताया कि मुस्लिम व रावत मतदाताओं के अलावा जाट, माली, राजपूत, ब्राह्मण समाज सहित 36 कौम को साथ लेकर चलने वाला ही पुष्कर विधानसभा में जीत दर्ज करता है।
मुद्दे पहुंचाएंगे नुकसान
पुष्कर अस्पताल के निकट चाय की थड़ी बैठे पुष्कर नाला निवासी हेमसिंह रावत, गोवलिया निवासी नानू सिंह रावत समेत अन्य राजनैतिक माहौल पर चर्चा करते नजर आए। पत्रिका संवाददाता ने सवाल जवाब किए तो यहां बैठे लोगों की व्यथा बाहर आ गई। उन्होंने बताया कि समाज के मौजूदा विधायक 5 साल तक सिर्फ चहेतों से घिरे रहे। उन्होंने गनाहेड़ा में हुए 16 बीघा जमीन घोटाले, गोवलिया में श्मशान भूमि विवाद का हवाला दिया जिसका असर आगामी विधानसभा चुनाव पर भी नजर आएगा।
पुष्कर अस्पताल के निकट चाय की थड़ी बैठे पुष्कर नाला निवासी हेमसिंह रावत, गोवलिया निवासी नानू सिंह रावत समेत अन्य राजनैतिक माहौल पर चर्चा करते नजर आए। पत्रिका संवाददाता ने सवाल जवाब किए तो यहां बैठे लोगों की व्यथा बाहर आ गई। उन्होंने बताया कि समाज के मौजूदा विधायक 5 साल तक सिर्फ चहेतों से घिरे रहे। उन्होंने गनाहेड़ा में हुए 16 बीघा जमीन घोटाले, गोवलिया में श्मशान भूमि विवाद का हवाला दिया जिसका असर आगामी विधानसभा चुनाव पर भी नजर आएगा।