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rajasthan-election 2018: सब चाहते हैं नेतागिरी करना, चुनावों में लगातार बढ़ रहे उम्मीदवार

locationअजमेरPublished: Oct 27, 2018 04:15:15 am

Submitted by:

raktim tiwari

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candidates increase in election

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अजमेर.

जिले में 1957 से अब तक हुए विधानसभा चुनावों में 1998 से प्रत्याशियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इससे पूर्व के वर्षों में प्रत्याशियों की संख्या लगातार घटती बढ़ती रही। किसी चुनाव में प्रत्याशियों की संख्या बराबर भी रही।
जिले में सबसे ज्यादा प्रत्याशी 1990 में और सबसे कम 1957 के चुनावों में खड़े हुए। वहीं विधानसभा चुनावों से पिछले कुछ वर्षों से जिले में उम्मीदवार लगातार बढ़ते जा रहे है। जिले में अब तक 9 सौ से ज्यादा प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा चुके है।
सबसे कम 37 प्रत्याशी
जिले में सबसे कम 37 प्रत्याशी 1957 के चुनावों में मैदान में थे। इस समय जिले में विधानसभा सीटों की संख्या 8 थी। सबसे ज्यादा 7 उम्मीदवार केकड़ी से और सबसे कम 3 अजमेर दक्षिण और नसीराबाद से मैदान में थे। इसके बाद 1962 में भिनाय नया विधानसभा क्षेत्र बना। 2008 के चुनावों में भिनाय का अस्तित्व खत्म कर दिया गया।
सबसे ज्यादा 142
1990 में जिले की 9 विधानसभा सीटों के लिए 142 उम्मीदवार मैदान थे। इस समय जिले में विधानसभा क्षेत्रों की संख्या नौ थी। सबसे ज्यादा 32 प्रत्याशी ब्यावर से मैदान में थे। वहीं सबसे कम 7 प्रत्याशी नसीराबाद में थे।
1998 में रह गए थे आधे के कम प्रत्याशी
1993 में जिले में 120 प्रत्याशी चुनाव में थे। 1998 में इनकी संख्या 1993 के मुकाबले घटकर आधे से भी कम 52 रह गई। इसके बाद प्रत्याशियों की संख्या लगातार बढ़ती रही। जिले में 2003 में 68, 2008 में 71 और 2013 में 82 हो गए। 2013 में चुनावों में सबसे ज्यादा 16 प्रत्याशी मैदान में थे। सबसे कम 7 अजमेर दक्षिण से मैदान में थे।
सबसे ज्यादा ब्यावर से उतरे मैदान में
अब तक की जाए तो ब्यावर से सबसे ज्यादा 137 लोग चुनावों में भाग्य आजमा चुके है। अजमेर उत्तर 136 के साथ दूसरे स्थान पर है। सबसे कम संख्या 77 नसीराबाद की है।
दो बार समान संख्या
विधानसभा चुनावों के दौरान दो बार वर्ष 1977 और 1980 में प्रत्याशियों की संख्या बराबर 57-57 रही। मामले में रोचक पहलु यह भी है कि 1977 में तीन स्थानों पर 7 और 3 पर 4 प्रत्याशी मैदान में थे। इसी प्रकार 1980 में 4 क्षेत्रों में 6 और 2 में 7 प्रत्याशी मैदान में थे।
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