अजमेर ऐसा जिला जहां से हिन्दुओं और मुस्लिम दोनो समुदायों को साधा जा सकता है। क्योंकि यहां हिन्दुओं का प्रमुख तीर्थ पुष्कर और सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह भी है। अजमेर जिले में भाजपा 2014 में विधानसभा और 2018 में लोकसभा का उपचुनाव हार चुकी है।
प्रदेश और राज्य की सत्ता में आसीन पार्टी के इसलिए काफी महत्वपूर्ण है। 2014 में देश में मोदी लहर के बीच भाजपा को नसीराबाद विधानसभा उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। नसीराबाद सीट राज्य के केबिनेट मंत्री रहे सांवरलाल जाट के सांसद चुने जाने के कारण खाली हुई थी। जाट पूर्व केन्द्रीय मंत्री और वर्तमान में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट को हराकर संसद में पहुंचे थे।
वर्तमान में यहां से कांग्रेस के रामनारायण गुर्जर विधायक है। इसके बाद 2018 में हुए लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस के रघु शर्मा भाजपा के रामस्वरूप लाम्बा को हराकर संसद में पहुंचे। प्रदेशाध्यक्ष होने के कारण पायलट के सिर जीत का सेहरा भी बंधा। मामले में रोचक पहलु यह है कि लोकसभा का उपचुनाव में हारे रामस्वरूप दिवंगत सांसद सांवरलाल जाट के पुत्र है।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शनिवार को किशनगढ़ में सभा को संबोधित किया तो कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महासचिव अशोक गहलोत ने भी रामसर में सभा की। सोमवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने संगठन महासचिव राहुल गांधी और प्रदेशाध्यक्ष पायलट के साथ अजमेर में दरगाह की जियारत की।
वहीं पुष्कर सरोवर में पूजन किया और ब्रह्मामंदिर के दर्शन भी किए। बुधवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अजमेर में सभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी आगामी दिनों में अजमेर में रोड शो करेंगे।
उल्लेखनीय है कि 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में जिले की आठों सीटों पर भाजपा की जीत हुई थी। बाद में 2014 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने भाजपा से नसीराबाद सीट छीन ली थी।