scriptrajasthan ka ran: रूठे नेताओं से अब तक खतरा, चुनावी नैया पार करना नहीं आसान | rajasthan ka ran: congress leaders create tention in eelction | Patrika News
अजमेर

rajasthan ka ran: रूठे नेताओं से अब तक खतरा, चुनावी नैया पार करना नहीं आसान

www.patrika.com/rajasthan-news

अजमेरNov 21, 2018 / 04:09 pm

raktim tiwari

senior leaders create tention

senior leaders create tention

अजमेर.

कांग्रेस में बागी उम्मीदवारों को मनाने के लिए प्रदेश इकाई के थक जाने के बाद अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त पर्यवेक्षकों ने मोर्चा संभाला।

बागियों ने कितना नुकसान पहुंचाया
हालांकि उनके प्रयासों से स्थिति कुछ तो नियंत्रण में आई लेकिन खतरा अब तक बरकरार है। अब 7 दिसंबर को मतदान के दौरान ही यह मालूम हो सकेगा कि बागियों ने कितना नुकसान पहुंचाया है।
अजमेर पहुंचकर फीडबैक लिया

कांग्रेस पार्टी बागियों से होने वाले डैमेज कंट्रोल में पिछले महीने ही जुट गई। कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे इमरान किदवई तथा संभाग प्रभारी अखिलेश सिंह ने अजमेर पहुंचकर फीडबैक लिया। संभाग में बागी उम्मीदवारों को मनाने का जिम्मा भी इन्हें ही दिया गया। दोनों ने अजमेर में दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के बागी उम्मीदवार ललित भाटी व डॉ. राकेश सिवासिया, किशनगढ़ से नाथूराम सिनोदिया तथा मसूदा से ब्रह्मदेव कुमावत तथा कयूम खान से संपर्क किया। हालांकि दोनों कई जगह कामयाब भी हुए। लेकिन खतरा अब तक बना हुआ है।
आलाकमान भी चिंतित
जिले सहित संभाग में कई सीटों पर बागियों के समीकरण बिगाडऩे की शिकायत कांग्रेस के दिल्ली स्थित आलाकमान को पहुंची। एआईसीसी ने संभाग व अजमेर प्रभारी के रूप में सिंह व किदवई को अजमेर भेजा। भले ही प्रभारियों ने कुछ कामयाबी पाई लेकिन अंदरूनी स्तर पर कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशियों को
नुकसान नहीं पहुंचे इसकी संभावना कम है। अब तक चुनाव लड़ते रहे पुराने नेता अंदरूनी कारगुजारियों से बाज नहीं आ रहे हैं। पार्टी स्तर पर इनकी शिकायतें भी पहुंच गई हैं।

Home / Ajmer / rajasthan ka ran: रूठे नेताओं से अब तक खतरा, चुनावी नैया पार करना नहीं आसान

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो