यहां मौजूदा विधायक व संसदीय सचिव सुरेश रावत ने वर्ष 2013 में कांग्रेस प्रत्याशी नसीम अख्तर को 41 हजार वोटों से हराया था। बीते पांच साल में रावत और नसीम क्षेत्र में कितने सक्रिय रहे, इस सवाल के जवाब में अधिकतर लोग दोनों से ही संतुष्ट नजर नहीं आए।
सबसे पहले पुष्कर सरोवर पहुंचे तो वहां ब्रह्म घाट पर कुछ तीर्थ पुरोहित चुनावी चर्चा में मशगूल नजर आए। उनसे विधायक के कार्यकाल को लेकर पूछा तो सबने समस्याएं गिनानी शुरू कर दी। सबसे पहले सीताराम आदाली बोले पुष्कर की दुर्दशा देख रहे हो ना, सरोवर में पानी नही है, ट्यूबवैल लगाकर सरोवर में पानी डालने की बात कही गई थी लेकिन कुछ भी नही हुआ।
अब चुनाव आते ही वोट मांगने आ रहे हैं। उनकी बात काटते हुए संजय पाराशर बोल पड़े रावत के मंत्री (संसदीय सचिव) बनने के बाद भी सरोवर में गंदे पानी की जावक को नहीं रोका जा सकता। तीर्थ की आस्था बदनाम हो रही है।
इतने में गोपाल पाराशर बोल पड़े विधायक तो नाम के ही हंै। उनसे जब यह पूछा गया कि क्या आप विधायक से मिले हैं तो जवाब था कि कभी कोई मर जाता है तो उसकेबैठने आते हैं, वहां हमारा भी मिलना हो जाता है। समस्या सुनाते हैं तो सुनी नहीं जाती।
इस बीच पुरोहित कैलाश पाराशर खासे नाराज दिखे, उन्होंने कहा विधायक ने जीतने के बाद बूढ़ा पुष्कर बाइपास बनाने की घोषणा की थी, आज तक नही बना। पुष्कर घाटी में सुरंग नहीं बनी। सरोवर को आप देख ही रहे हो, अब और क्या कहें।
वहां से निकल कर बाहर आए तो सरोवर की तरफ जा रहे पुजारी सत्यनारायण शर्मा मिल गए। उनसे क्षेत्र के विकास पर बात की तो वे बोल पड़े विधायक 26 करोड़ के विकास कार्यों की बात कर रहे हैं, इतना काम होता तो कार्य खुद ही बोलते, गिनाने की जरूरत नहीं पड़ती।
जब उन्हें बताया कि विधायक ने विकास के दावों की पुस्तकें छपवाकर भी बांटी है तो उन्होंने एक कहावत बोल दी ‘जंगल में मोर नाचा किसने देखा? पुष्कर सरोवर में आज भी गंदा पानी जा रहा है, बेतरतीब कुंड बना दिए गए। कांगे्रस की भी तीर्थ के प्रति उदासीनता ही रही है।’ इतना कह कर वे आगे बढ़ गए।
सरोवर के पास ही घर लौट रही ममता शर्मा से पूछा कि विधायक के काम से कितने संतुष्ट हैं तो जवाब मिला विधायक केवल अपना सम्मान कराने के लिए ही पुष्कर आते हैं, चेहरा दिखाकर चले जाते हैं। वार्ड-मोहल्लों में जाने का काम ही नहीं। हां विकास के नाम पर पुष्कर सरोवर के घाटों पर पत्थर उखाड़ कर फिर से लगाने का काम जरूर किया गया है।
पुष्कर से निकल कर हम कानस गांव पहुंचे। यह गांव रावतों का है, सोचा यहां विधायक के समर्थित ही मिलेंगे। हुआ भी यही किराने की दुकान पर चर भर खेल रहे मदनसिंह, बीरमा आदि से बात की तो उनका कहना था कि बाप-दादा के टाइम सू ही पार्टी से बंधेड़ा हां, टिकट चाहे कोई न भी मिल जावै, म्हारो वोट तो एक ही पार्टी ने पड़सी।
हां बात अगर गांव की समस्या की है तो कोई कोनी सुणै। मदन सिंह ने सामने ही स्थित उच्च माध्यमिक स्कूल की छोटे से भवन की तरफ इशारा करते हुए कहा स्कूल की जमीन के लिए कई बार कह दियो, कुछ ही कोनी होयो, बच्चा प्रार्थना के लिए ढंग से खड्या कोनी हो सके।
पंचायत के लिए भी बड़ी मुश्किल से जमीन मिली है। एक छोटो सो प्रतीक्षालय जरूर बणयो है। पीने कै पाणी के लिए कनेक्शन तक कोनी, गांव में जो लोग बोरिंग खुदवा राखया है, बठै से ही पानी भर कर ल्यावां।
यहां से निकल कर होकरा गांव आ गए। यहां चौथ माता मंदिर के चबूतरे पर कई बुजुर्ग बैठे आपस में बतिया रहे थे। यहां विधायक के बारे में पूछा गया तो मिलीजुली प्रतिक्रिया आई। हालांकि सभी का कहना था कि विधायक आते जाते रामा-श्यामा करते हैं।
किसी की मौत पर बैठने भी आते हैं और काम भी करवाए हैं। लेकिन साथ समस्याएं गिनाने में किसी ने कसर नहीं छोड़ी। पूर्व सरपंच बुधाराम ने सामने स्थित पहाड़ी की तरफ इशारा करते हुए कहा एक खैली ‘टंकी’ बनवाई है, लेकिन सूखी पड़ी है। अब विधायक भी कांई करै, रास्तै में ही पाइप लाइन फोड़ राखी है। इतने में रमेश बोल पड़े ई गांव न तो पूर्व विधायक रमजान खां की बदौलत ही आज पाणी मिल रहयो है। इस बीच भारत कुमार आसवानी आ गए।
उन्होंने कहा 150 घर और करीब 1000 बीघा जमीन एडीए में चली गई। सबसे बड़ी समस्या तो यह है। उनसे जब पूछा गया कि विधायक ने कोई प्रयास नहीं किए क्या तो उनका जवाब था कि प्रयास तो केवल दिखावे के हैं। पूर्व विधायक नसीम कितनी सक्रिय है तो सब एक साथ बोल पड़े उनको तो जीतने के बाद एक बार स्वागत के लिए बुलाया तब ही नहीं आई।
26 सौ करोड़ के विकास कार्य करवाए पिछले पांच वर्षो में पुष्कर में ऐतिहासिक 26 सौ करोड़ के विकास कार्य करवाए हैं। इनमें बीसलपुर पेयजल पहुंचाने, गौरवपथ, ब्रह्मा मंदिर एन्ट्री प्लाजा निर्माण, रूपनगढ़ में मेगा फूड पार्क, पुष्कर में भूमिगत केबिल, पुष्कर सरोवर के घाटों का जीर्णोद्धार प्रमुख है। कांगे्रस के पिछले 15 साल के कार्यकाल में इतने विकास कार्य नहीं कराए गए थे।
– सुरेश सिंह रावत, विधायक पुष्कर ‘सिर्फ गुमराह किया’ मैं चुनाव हारने के बाद विपक्ष में रहते हुए भी पिछले पांच वर्षों में जनता के दु:ख-दर्द में सीधे भागीदार रही। क्षेत्र के मतदाताओं को मेरी कमी का अहसास ही नहीं होने दिया। भाजपा विधायक क्षेत्र में 23 सौ करोड़ के विकास कार्य कराने का दावा कर रहे हैं वे धरातल पर तो बताएं मैं भी उनकी प्रशंसा करूंगी। विधायक रावत ने केवल कांगे्रस राज में घोषित विकास कार्यों पर अपना पत्थर लगाकर फीता काट कर जनता व उनके सूबे की मुखिया को गुमराह करने का काम किया है। जनता इसे अच्छी तरह से समझती है।
– नसीम अख्तर, पूर्व विधायक एवं पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री पुष्कर
– नसीम अख्तर, पूर्व विधायक एवं पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री पुष्कर