भाजपा व कांग्रेस दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों में टिकटों के दावेदारों की नजरें केन्द्रीय व प्रदेश आलकमान पर लगी हुई हैं। सभी दावेदार जुगत भिड़ाने में लगे हैं वहीं पार्टियों के कार्यकर्ता पिछले करीब दस दिन तक घरों में दीपोत्सव पर्व और अन्य कामकाज में व्यस्त रहे।
पार्टियों के जनसंपर्क, मतदाताओं से डोर-टू-डोर संपर्क, धन संग्रहण, पार्टी की रीति-नीतियों को आमजन तक पहुंचाने तक का काम नहीं किया जा सका। वैसे पार्टियों के दफ्तरों में सूचियां तैयार करने, प्रचार के लिए क्षेत्रवार कार्यकर्ताओं को दायित्व बांटने के लिए दस्तावेज आदि के कार्य बूथवार सूचियों में त्रुटि सुधार या मतदाताओं के नाम को लेकर संशय जैसी स्थितियों को स्पष्ट किए जाने के लिए पदाधिकारी व कार्यकर्ता जरूर जुटे हुए हैं। लेकिन चुनावी मैदान में सक्रियता अब बढ़ेगी।
दावेदारों की नजर भी आलाकमान पर
जिले सहित प्रदेश के सभी टिकटों पर केन्द्रीय आलाकमान मंथन कर रहा है। दावेदार भी सूची आने के इंतजार में हैं। ऐसे में सभी की निगाहें प्रदेश आलाकमान पर है। आला नेता जब भी निर्णय लेंगे उसके बाद ही दावेदार व उनके समर्थक सक्रिय होंगे।
जिले सहित प्रदेश के सभी टिकटों पर केन्द्रीय आलाकमान मंथन कर रहा है। दावेदार भी सूची आने के इंतजार में हैं। ऐसे में सभी की निगाहें प्रदेश आलाकमान पर है। आला नेता जब भी निर्णय लेंगे उसके बाद ही दावेदार व उनके समर्थक सक्रिय होंगे।
10 नवम्बर बाद होगी चुनावी सरगर्मियां तेज
जानकारों की मानें तो दीपोत्सव, राम-राम व भाई दूज के बाद 10 नवम्बर बाद चुनावी माहौल फिर से गरमाएगा।
जानकारों की मानें तो दीपोत्सव, राम-राम व भाई दूज के बाद 10 नवम्बर बाद चुनावी माहौल फिर से गरमाएगा।