सामान्यत: कार्यक्रम में कोई फेरबदल नहीं होनी चाहिए। आयोजकों को चाहिए कि वे कार्यक्रम के बारे में स्थानीय पुलिस प्राधिकारियों को पहले से सूचना दें ताकि वे आवश्यक प्रबंध कर सकें। उन्होंने बताया कि आयोजकों को यह पता कर लेना चाहिए कि जिन इलाकों से होकर जुलूस गुजरता है।
उनमें कोई निर्बन्धात्मक आदेश तो लागू नहीं है और जब तक सक्षम प्राधिकारी द्वारा विशेष रूप से छूट न दे दी जाए उनके निर्बन्धनों का पालना करना चाहिए। उन्होंने बताया कि आयोजकों को जुलूस का आयोजन ऐसे ढंग से करना चाहिएए जिससे कि यातायात में कोई रूकावट या बाधा उत्पन्न किए बिना जुलूस का निकलना संभव हो सके।
यदि जुलूस बहुत लम्बा है तो उसे उपयुक्त लम्बाई वाले टुकड़ों में संगठित किया जाना चाहिए, ताकि सुविधाजनक अन्तरालों पर विशेषकर उन स्थानों पर जहां जुलूस को चौराहे से होकर गुजरना है, रूके हुए यातायात के लिये समय- समय पर रास्ता दिया जा सके और इस प्रकार भारी यातायात के जमाव से बचा जा सके। उन्होनें बताया कि जुलूसों की व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि जहां तक हो सके उन्हें सडक़ की बाई ओर रखा जाए और ड्यूटी पर तैनात पुलिस के निर्देश और सलाह का कड़ाई के साथ पालन किया जाना चाहिए।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि यदि दो या अधिक राजनैतिक दलों या अभ्यर्थियों ने लगभग उसी समय पर उसी रास्ते से या उसके भाग से जुलूस निकालने का प्रस्ताव किया है तो, आयोजकों को चाहिए कि वे समय से पूर्व आपस में सम्पर्क स्थापित करें और ऐसी योजना बनाएं, जिससे कि जुलूसों में टकराव न हो या यातायात को बाधा न पहुंचे। स्थानीय पुलिस की सहायता संतोषजनक इंतजाम करने के लिए सदा उपलब्ध होगी। इस प्रयोजना के लिए दलों को यथा शीघ्र पुलिस से सम्पर्क स्थापित करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि जुलूस में शामिल लोगों द्वारा ऐसी चीजें लेकर चलने के विषय में जिनका अवांछनीय तत्वों द्वारा, विशेष रूप से उत्तेजना के क्षणों में दुरूपयोग किया जा सकता है,राजनैतिक दल या अभ्यर्थियों को अधिक से अधिक नियंत्रण रखना चाहिए। किसी भी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी को अन्य राजनैतिक दलों के सदस्यों या उनके नेताओं के पुतले लेकर चलने,उनको सार्वजनिक स्थान में जलाने और इसी प्रकार के अन्य प्रदर्शनों का समर्थन नहीं करना चाहिए।