पुलिस के अनुसार चूरू के चांदनी चौक निवासी नितेश शर्मा पुत्र रामअवतार शर्मा अपने माता-पिता के साथ सोमवार को गुजरात के ऊंझा से ट्रेन में सफर कर रहा था। सोमवार दोपहर ब्यावर पहुंचने पर नितेश ने ट्रेन में खाना ऑर्डर किया। ब्यावर में ट्रेन रूकने पर उसकी मां लघुशंका के लिए कोच के टॉयलेट में गई। तभी नितेश भी टॉयलेट जाने की कहकर साथ चला गया। कुछ देर में मां कोच में अपनी सीट पर चली आई। ट्रेन के चलने के बाद भी नितेश टॉयलेट से नहीं बाहर नहीं आया तो रामअवतार शर्मा ने उसको मोबाइल पर कॉल किया लेकिन कॉल रिसीव नहीं किया।
उन्होंने टॉयलेट का दरवाजा खटखटाया लेकिन जवाब नहीं आया। दरवाजे के नीचे झिरी में से देखने पर नितेश अन्दर नजर नहीं आया। रामअवतार ने कोच अटेंडेंट व स्टाफ की मदद से टॉयलेट का दरवाजे का लॉक तोड़ा तो नितेश दरवाजे के हैण्डल पर बेल्ट से लटका मिला। चीख पुकार मचते ही आरपीएफ के जवान भी कोच में पहुंच गए। अजमेर स्टेशन पर सूचना मिलते ही जीआरपी अजमेर थानाप्रभारी अनिलदेव जाप्ते के साथ पहुंच गए। ट्रेन के पहुंचते ही नितेश को एम्बुलेंस से जवाहरलाल नेहरू अस्पताल पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने उसको मृत घोषित कर दिया।
इकलौता बेटा था नितेश
प्रॉपर्टी व्यवसायी रामअवतार शर्मा का पश्चिम बंगाल व दिल्ली में प्रोपर्टी का व्यवसाय है। परिवार चूरू के चांदनी चौक में पैतृक आवास में रहता है। नितेश तीन बच्चों में मझला था। स्नातक करने के बाद एलएलबी करना चाहता था लेकिन डेंगू की बीमारी होने के बाद से वह अवसाद में था। इकलौते बेटे के अवसादग्रस्त होने पर रामअवतार शर्मा भी 20 दिन से उसके साथ थे।
मिन्नतें करता रहा पिता
जेएलएन अस्पताल में मृतक नितेश के पिता रामअवतार शर्मा अस्पताल स्टाफ, पुलिस अफसरों से शव का पोस्टमार्टम नहीं करवाने की मिन्नतें करता रहा लेकिन सबने संदिग्ध हालात में मृत्यु का हवाला देकर बिना पोस्टमार्टम के शव देने से इनकार कर दिया। आखिर शाम को रिश्तेदारों के अजमेर पहुंचने पर शव के पोस्टमार्टम की कार्रवाई की गई।
दो दिन ठहरे थे ऊंझा
पड़ताल में सामने आया कि शर्मा दम्पती बेटे नितेश के साथ दो दिन तक गुजरात के ऊंझा में ठहरे। धार्मिक यात्रा में भी बेटे का मन नहीं लगा तो सोमवार को वापस चूरू के लिए रवाना हो गए। बेटे के कहने पर दोनों गुजरात ऊंझा स्थित दरगाह गए थे। मोर्चरी के बाहर शर्मा दम्पती बेटे की बातों को याद कर बिलखते रहे।
4 फीट ऊंचा पाइप का हैंडल
रामअवतार शर्मा ने बताया कि ट्रेन में टॉयलेट के दरवाजे पर करीब 4 फीट की ऊंचाई पर पाइप का हैंडल लगा है। उसने ट्रेन के कोच में लगे हैंडल को हटवाने की बात कही। ताकि कोई अन्य व्यक्ति इस तरह का कदम ना उठाए। पुलिस को भी महज 4 फीट ऊंचे हैंडल पर फांसी की घटना संदिग्ध प्रतीत हो रही है। ऐसे में पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव देना उचित समझा।
‘युवक की ट्रेन के टॉयलेट में संदिग्ध हालात में मृत्यु का मामला दर्ज किया है। पोस्टमार्टम करवा शव परिजन के सुपुर्द कर दिया है। प्रारंभिक पड़ताल में युवक अवसाद में था।’ राममूर्ति जोशी, एसपी जीआरपी अजमेर