RAS 2018: आरपीएससी करेगा हाईकोर्ट डबल बैंच में अपील
आरएएस-2018 के संशोधित परिणाम जारी करने के आदेशों के चलते अध्यक्ष, सदस्यों और अधिकारियों ने चर्चा की। तकनीकी पहलुओं के अध्ययन के बाद ही आयोग कोई फैसला लेगा।
अजमेर.
राजस्थान लोक सेवा आयोग को हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने आरएएस-2018 परीक्षा के तहत तहत पदों के न्यूनतम अहर्ता अंक तय करने और दो गुणा अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में बुलाने के आदेश दिए है। हालांकि आयोग ने हाईकोर्ट की खंडपीठ में याचिका दायर करने का फैसला किया है। उधर आरएएस-2018 के संशोधित परिणाम जारी करने के आदेशों के चलते अध्यक्ष, सदस्यों और अधिकारियों ने चर्चा की। तकनीकी पहलुओं के अध्ययन के बाद ही आयोग कोई फैसला लेगा।
आरएएस भर्ती परीक्षा-2018 की मुख्य परीक्षा के घोषित परिणाम को प्रेम सिंह राठौड़ व अन्य ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याचिकर्ताओं का कहना था कि इस परिणाम में आयोग ने डिपार्टमेंटल कैटेगरी के 78 व एक्स सर्विसमैन कैटेगरी के 19 ऐेसे अभ्यार्थियों को साक्षात्कार के लिए उत्तीर्ण घोषित कर दिया जो संबंधित कैटेगरी में नियमानुसार नहीं आते थे। ऐसे 97 अभ्यार्थियों का चयन गलत होने के कारण सामान्य संवर्ग के अभ्यार्थियों को साक्षात्कार प्रक्रिया से बाहर रहना पड़ा। इसी मुख्य परीक्षा में दो गुणा अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण करने से जुड़ी याचिका पर हाईकोर्ट ने पदों के न्यूनतम अर्हता अंक तय करने और दो गुणा अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में बुलाने के आदेश दिए हैं।
...तो संशोधित करना पड़ेगा परिणाम
आयोग ने 9 जुलाई 2020 को आरएएस मुख्य परीक्षा-2018 का परिणाम जारी किया था। आरएएस एवं अधीनस्थ सेवा के 1051 पदों की एवज में 2010 अभ्यर्थी पास किए गए थे। यानि एक पद पर करीब दो (1.95 प्रतिशत)अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए। इसको अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। अब हाईकोर्ट ने दो गुणा अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में बुलाने के आदेश दिए हैं। ऐसी स्थिति में आयोग के लिए आरएएस 2018 मुख्य परीक्षा का परिणाम संशोधित करना जरूरी हो गया है।
अध्यक्ष जुटे रहे आदेश के अध्ययन में
हाईकोर्ट के न्यूनतम अर्हता और दो गुणा अभ्यर्थियों को आरएएस-2018 के साक्षात्कार में बुलाने के आदेश को लेकर अध्यक्ष डॉ. भूपेंद्र यादव अध्ययन में जुटे रहे। उन्होंने सदस्यों और अधिकारियों से तकनीकी चर्चा की। आयोग ने हाईकोर्ट की खंडपीठ में याचिका दायर करने का फैसला किया है। लेकिन आरएएस मुख्य परीक्षा-2018 के परिणाम को रद्द करने अथवा संशोधित परिणाम जारी करने को लेकर फुल कमीशन की बैठक बुलाई जाएगी। कमीशन की मंजूरी से ही आयोग अधिकृत फैसला लेगा।
सरकार ने बदला है अहम नियम...
सरकार ने बीती जून में आरएएस मुख्य परीक्षा के लिए आरक्षित अभ्यर्थियों को बुलाने के नियम में बदलाव किया। इसके तहत रिक्तियों की कुल अनुमानित संख्या के 15 गुना अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में बुलाया जाएगा। मुख्य परीक्षा में प्रवेश के लिए अर्हित घोषित किए जाने वाले अभ्यर्थियों द्वारा प्रारंभिक परीक्षा में प्राप्त अंकों की उनका अंतिम योग्यता क्रम निर्धारित करने के लिए संगणना नहीं की जाएगी। साथ ही यह भी कहा कि मुख्य परीक्षा में उपस्थित होने वाले अभ्यर्थियों को व्यक्तित्व और मौखिक परीक्षा में उपस्थित होने के लिए प्रत्येक पेपर में न्यूनतम 10 प्रतिशत अंक और समस्त प्रश्न पत्रों के कुल अंकों में से कुल 15 प्रतिशत अंक प्राप्त करने जरूरी होंगे।
फैक्ट फाइल....
-11 अप्रेल 2018 को विज्ञापन जारी कर 1017 पदों के लिए मांगे आवेदन(राज्य सेवा के 405 और अधीनस्थ सेवा के लिए 575 सहित टीएसपी के 37 पद)
-एमबीसी के 34 पद बढऩे पर पद हुए 1051
-3 लाख 67 हजार से ज्यादा अभ्यर्थी 5 अगस्त को बैठे थे प्रारंभिक परीक्षा में -23 अक्टूबर 2018 को घोषित किया गया था प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम
-25-26 जून 2019 को आयोजित मुख्य परीक्षा में बैठे 22 हजार 984 अभ्यर्थी
-9 जुलाई को मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी हुआ। 2010 अभ्यर्थियों को किया साक्षात्कार के लिए उत्तीर्ण
-5 अगस्त 2020 को कार्मिक विभगा ने राजस्थान अल्पसंख्यक मामलात (जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी) के 18 पदों को को राज्य सेवा में शामिल किया।(अब राज्य सेवा में 437 और अधीनस्थ सेवा के 577 पद)
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