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RAS Interview Issue: मेम्बर्स भी चाहते हैं जांच, ताकि सच आए सामने…

locationअजमेरPublished: Jul 24, 2021 10:23:48 am

Submitted by:

raktim tiwari

आरएएस 2018 साक्षात्कार प्रक्रिया पर उठे हैं सवाल। बुलाई जा सकती है फुल कमीशन की बैठक।

rpsc ajmer

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अजमेर.

आरएएस एवं अधीनस्थ सेवा भर्ती-2018 की साक्षात्कार प्रक्रिया पर सवाल उठने और रिश्वतकांड में आयोग की एक सदस्य के पति का नाम सामने आने के बाद राजस्थान लोक सेवा आयोग में आतंरिक जांच की मांग उठने लगी है।
आयोग के कुछ सदस्य चाहते हैं कि साक्षात्कार में अभ्यर्थियों को मिले अंकों सहित अन्य तकनीकी पहलुओं की आंतरिक स्तर पर जांच हों ताकि अभ्यर्थियों की तमाम शंकाओं को दूर किया जा सके। कुछ सदस्यों ने अनौपचारिक तौर पर अध्यक्ष से चर्चा भी की है।
एसीबी ने हाल ही आरएएस एवं अधीनस्थ सेवा भर्ती-2018 के साक्षात्कार में अच्छे नंबर दिलाने की एवज में 23 लाख रुपए लेते निलंबित कनिष्ठ लेखाकार सज्जनसिंह और एक टोलनाके के सुपरवाइजर नरेंद्र पोसवाल को गिरफ्तार किया गया। इसी मामले से आयोग सदस्य राजकुमारी गुर्जर के रिटायर्ड आइपीएस पति भैरोसिंह गुर्जर का नाम जुड़ा है। साथ ही शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की पुत्रवधू के भाई-बहन को साक्षात्कार में 80-80 नंबर देने का मामला भी सुर्खियों में है। ऐसे में सदस्यों की मंशा है कि सम्पूर्ण मामले की आंतरिक जांच हो।
क्यों नहीं खंगाला जाए नेटवर्क
अधिकृत सूत्रों के अनुसार कार्मिक विभाग से मिली अभ्यर्थनाओं-नियमों के अनुसार आयोग भर्ती परीक्षाएं और साक्षात्कार कराता है। रिश्वतकांड के बाद साक्षात्कार में अंक देने का मामला सुर्खियों में है। ऐसे में आयोग आतंरिक स्तर पर अपनी परीक्षा और साक्षात्कार प्रक्रिया को जांच सकता है। ताकि कोई तकनीकी त्रुटि अथवा नेटवर्क की जानकारी मिल सके।
हो सकती है फुल कमीशन की बैठक
आरएएस 2018 भर्ती सहित आरएएस 2021 की आगामी भर्ती और अन्य अहम बिंदुओं पर चर्चा के लिए आयोग में फुल कमीशन की बैठक बुलाई जा सकती है। जानकारी के अनुसार डॉ. शिवसिंह राठौड़ सहित कुछ सदस्य चाहते हैं कि कमीशन की बैठक में हालिया प्रकरणों के अलावा आगामी भर्तियों के लिए आवश्यक नवाचार और अन्य अहम बिंदूओं पर चर्चा हो। हालांकि सदस्यों ने अधिकृत रूप से इस मामले में बोलने से इनकार किया है।
रिसर्च विंग का यह कार्य
आयोग में भर्ती परीक्षाओं के डाटा को सुरक्षित रखने अथवा समयानुकूल पाठ्यक्रम और परीक्षात्मक नवाचार पर चर्चा के लिए रिसर्च विंग बनी हुई है। इसमें कंप्यूटर, परीक्षा विभाग, विषयवार विशेषज्ञ शामिल होते हैं।
ताकि नहीं हो भर्तियों में विलंब
आरएएस 2018 की भर्ती में प्रश्नों से लेकर 15 गुणा अभ्यर्थियों को पास करने के सभी मामलों में हाईकोर्ट की सिंगल बैंच ने रोक लगाई थी। आयोग को हाईकोर्ट खंडपीठ अथवा सुप्रीम तक एसएलपी लगानी पड़ी थी। आरएएस 2021 को लिटिगेशन से बचाने के लिए आयोग पहले ही विधिक तैयारी में जुटा है। अब किसी भी तकनीकी पहलू पर सिंगल कोर्ट में याचिका के साथ आयोग केविएट दायर करेगा। ताकि अदालत किसी फैसले से आयोग का पक्ष भी सुने।
यूं बनता है फुल कमीशन
अध्यक्ष और सातों सदस्यों की बैठक को फुल कमीशन कहा जाता है। कमीशन में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से जुड़ी याचिकाओं, आवेदन, परीक्षाओं, भर्तियों से जुड़े नीतिगत मुद्दों पर चर्चा करते हैं।

फुल कमीशन की बैठक तो नियमित रूप से बुलाई जाती है। जांच को लेकर एसीबी की अधिकृत रिपोर्ट और तकनीकी पहलुओं के अध्ययन के बाद ही कोई फैसला लेंगे।
डॉ. भूपेंद्र यादव, अध्यक्ष राजस्थान लोक सेवा आयोग
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