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रावत समाज ने लॉकडाउन में सेवा की, कुरीति भी हुई खत्म

locationअजमेरPublished: May 24, 2020 05:10:57 pm

Submitted by:

himanshu dhawal

राजस्थान पत्रिका सोशल कनेक्ट

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अजमेर. जिले में निवास करने वाले अधिकांश रावत समाज के लोग कृषि, पशुपालन और मजदूरी पर निर्भर हैं। इसके कारण लॉकडाउन के दौरान भी कंधे से कंधा मिलाकर आमजन तक सब्जी, दूध आदि पहुंचाकर सहयोग किया है। हालांकि लॉकडाउन और बैमौसम बारिश के कारण फसलों को काफी नुकसान पहुंचा इसके बावजूद लोगों के सहयोग में किसी प्रकार की कमी नहीं रखी गई। राजस्थान पत्रिका के सोशल कनेक्ट अभियान के तहत शनिवार को रावत समाज के प्रबुद्धजनों ने वेबमीटिंग में विचार साझा किए। प्रबद्धजनों ने कहा कि दुख की घड़ी में एक साथ खड़े होकर समाज के लोगों की मदद करना ही देश की खासियत है। राजस्थान पत्रिका ने समय-समय पर समस्याओं को उठाकर जिला प्रशासन से राहत पहुंचाई है।

कोरोना संक्रमण में सभी समाज के लोगों ने एकता का परिचय देते हुए कंधे से कंधा मिलाकर आमजन तक सहायता पहुंचाई है। सभी समाज के लोगों को विधायक कोष से 10 हजार और भामाशाह व जनसहयोग से 8 हजार किट का वितरण किया गया है। रावत समाज को सब्जियां आदि पहुंचाने में भले ही परेशानी आई, लेकिन आमजन तक नियमित रूप से पहुंचाई गई है। समाज में मृत्युभोज भी बंद हुआ है। लॉकडाउन के दौरान जो लोग अपने परिजनों की हरिद्वार में अस्थि विसर्जन नहीं कर पाए थे उनके लिए भी बस का प्रबंध कर भेजा गया है।
– सुरेश रावत, विधायक पुष्कर
कोरोना संक्रमण पूरी दुनिया के लिए एक अभिशाप है, लेकिन लॉकडाउन ने पूरी मानव प्रजाति के जीने के ढंग को बदला है। इस दौरान कई दु:ख भरी खबरें आई, लेकिन कहीं भी मृत्युभोज नहीं हुआ। इसे हमेशा के लिए बंद कर दिया जाना चाहिए। लॉकडाउन में किसान भाइयों के साथ ठगी करने वाले व्यापारियों पर रोक लगाई जानी चाहिए। रावत समाज पिछड़ा वर्ग होने के कारण बच्चों के पास मल्टीमीडिया फोन नहीं है इसके कारण ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित रह रहे हंै। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
– डॉ. शैतान सिंह रावत, प्रदेशाध्यक्ष रावत महासभा पुष्कर

कोरोना संक्रमण में सभी जाति के लोगों ने सभी की मदद की है। यही इस देश की खासियत है। अजमेर ग्रामीण क्षेत्र में कई गांव रावत बाहुल्य है। कोरोना संक्रमण के चलते मृत्यु भोज जैसे सभी कार्यक्रमों को बंद कर दिया गया, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग की पालना हो सके। कोरोना संक्रमण से आमजन को जागरुक करने के लिए पुष्कर के रेतीले धोरों में कलाकृतियां बनाकर देशवासियों को जागरुक करने का कार्य किया है। आमजन की बात को भी सरकार तक पहुंचाया गया।
– अजय रावत, सेंड आर्टिस्ट पुष्कर
लॉकडाउन के दौरान पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को जनप्रतिनिधियों व समाज सेवियों ने अपने स्तर पर भी खाद्य सामग्री का वितरण किया गया। हाईवे पर स्थित स्कूलों में राहगीरों को कवॉरंटीन किया गया है, उनके खान-पान की जिम्मेदारी सरपंच और समाजसेवियों द्वारा की गई, इसमें सरकार का किसी प्रकार का सहयोग नहीं मिला। खाद्य सुरक्षा योजना में वंचित गरीब, असहाय, परिवारों के नाम इस योजना में जोडकऱ सभी समाज के लोगों को राहत दिलाई जाए।
– महेन्द्र सिंह रावत, संस्थापक राष्ट्रीय रावत सेना ब्यावर

रावत समाज कोई जाति नहीं है यह तो समाज की वीरता की उपाधि है। हमारे समाज का पुष्कर में जो मंदिर है उसमें मीन भगवान की मूर्ति स्थापित है। उसी की हम पूजा करते है। रावत समाज अति पिछड़ा वर्ग में आता है, अधिकतर लोग समाज के गांव में रहते हैं। वह खेती, पशुपालन और मजदूरी कर अपने परिवार का लालन-पालन करते हैं। लॉकडाउन के कारण सभी को परेशानी हुई, लेकिन सभी ने मिलजुल कर एकता का परिचय दिया।
– सरवन सिंह रावत, पूर्व जिला परिषद सदस्य

लॉकडाउन के दौरान समाज के लोगों ने पूरी मेहनत और इमानदारी के साथ विभिन्न इलाकों में सब्जी की सप्लाई और पशुओं के लिए चारे-पानी की व्यापक पैमाने पर व्यवस्था की। इसमें प्रशासन का भी पूरी तरह से सहयोग प्राप्त हुआ। रावत समाज के द्वारा पूरे जिले में चलाए गए राहत कार्यो में कंधे से कंधा मिलाकर पूरा योगदान दिया। सरकार ने मनरेगा में रोजगार उपलब्ध कराने लोगों को राहत मिली है।
– ओमप्रकाश रावत, अध्यक्ष रावत महासभा सर्किल पुष्कर

लॉकडाउन में सबसे ज्यादा परेशानी मजदूरों को हुई है। रोज कमाने वालों का रोजगार बंद होने से वह आर्थिक रूप से टूट गए हैं। रावत समाज के मुख्य लोगों ने गरीब, विधवा व दिव्यांग लोगों को राशन, चिकित्सा उपलब्ध कराकर लोगों को जागरुक किया। सरकार को लोगों के रोजगार के लिए साधन बढ़ाए जाने चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना की रेण्डम आधार पर सेम्पल लिए जाए, जिससे बाहर से आने वालों की जांच हो सके।
-टीकमसिंह चौहान, एडवोकेट ब्यावर

रावत समाज काफी बड़ा समाज है। रावत समाज में अधिकतर किसान, मजदूर और पशुपालक है। लॉकडाउन में समाज ने अग्रणी भूमिका निभाकर जरूरतमंदों तक राहत पहुंचाई है। इस विकट घड़ी में लोग घरों में कैद है सरकार उनके बिजली, पानी के बिल, स्कूलों की फीस और गरीबों के लोन की ईएमआई भी माफ होनी चाहिए। ऐसा नहीं हाने पर आने वाले समय में स्थिति ज्यादा खराब हो जाएगी। सकार को विशेष ध्यान देना चाहिए।
– धर्मेन्द्र सिंह रावत, लामाना
लॉकडाउन के दौरान रावत समाज के लोगों ने सस्ते दामों पर सब्जियां का उत्पादन कर लोगों तक पहुंचाई है। रावत समाज के लोग खेती और पशुपालन से जुड़े है। दूध के दाम बढ़ाए बिना लोगों तक पहुंचाया है। समाज के लोगों ने जरूरतमंदों को आटे के कट्टे उपलब्ध कराए है। हाल ही में टिड्डी दल ने हमला कर नुकसान पहुंचाया है। सरकार किसानों को उचित मुआवजा दे साथ ही आगामी फसलों के लिए सस्ती दर पर खाद-बीज उपलब्ध कराए। साथ ही बिजली के बिल भी माफ करें।
– अशोक सिंह रावत, प्रधान पीसांगन
लॉकडाउन के दौरान रावत समाज के लोगों ने जरूरतमंदों की बढ़चढ़ कर मदद की है। रावत महासभा एवं समाज के प्रबुद्धजनों के सहयोग से सरकार के दिशा-निर्देशों की पालना के लिए लोगों को जागरूक किया। प्रवासियों को अपने आने की जानकारी देनी चाहिए। प्रवासियों के नए जॉब कार्ड बनाकर मनरेगा में रोजगार उपलब्ध कराए और साथ ही मगरा क्षेत्र में उद्योग धंधों की स्थापना की जानी चाहिए।
– भगवान सिंह सूजावत, महामंत्री राजस्थान रावत-राजपूत महासभा
रावत समाज के लोग दृढ़ संकल्प है कि लॉकडाउन की वजह से कोई व्यक्ति भूखा न रहे। इसके लिए राज्य व केन्द्र सरकार के सहयोग से आवश्यक सामग्री पहुंचाकर सराहनीय कार्य किया। रावत समाज को त्याग, तपस्या और बलिदान के रूप में देखा जाता है। सरकार को कृषि, पशुपालन एवं पोल्ट्री फार्म के लिए सहयोग करना चाहिए। राज्य व केन्द्र सरकार गांव में मनरेगा का कार्य उपलब्ध करा रही है।
– शंकर सिंह रावत, अध्यक्ष रावत सर्कल सभा बुबानी
कोरोना संक्रमण में लम्बे समय से लॉकडाउन में भामाशाह और जनता ने गरीबों की मदद की है, जो भारत की एकता और अखण्डता का परिचय देती है। लॉकडाउन से जनता परेशान भी हुई है। सरकार को अब गांवों की ओर फोकस करना चाहिए। लोग गांवों की ओर लौट रहे है। ऐसा न हो की संक्रमण ग्रामीण क्षेत्रों में पैर पसार ले।
– ज्ञानसिंह रावत, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रावत महासभा राजस्थान
लॉकडाउन के कारण किसानों को भारी समस्या का सामना करना पड़ा। कटी फसलें खेतों में पड़ी रही और बैमोसम बरसात ने फसलों को नुकसान पहुंचाया। इसके बावजूद रावत समाज ने दुख की घड़ी में एक-दूसरे का साथ दिया। भामाशाह के सहयोग से हाईवे पर पैदल चलने वाले राहगिरों के खाने की व्यवस्था कराई। समाज को कुरितियों से बचने की भी सीख मिली है। सरकार को बिजली के बिल माफ करने चाहिए।
– श्रवण सिंह भाटी, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष राजस्थान रावत राजपूत महासभा

रावत समाज ने केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन की पालना की। ग्रामीण क्षेत्रों में काफी परिवारों के खाद्य सुरक्षा में नाम जुड़े नहीं होने के कारण गेहूं आदि नहीं मिलने से काफी समस्या हुई। समाज के स्तर पर जरूतमंद लोगों तक राहत पहुंचाने का प्रयास किया गया। समाज की ओर से कोरोना वारियर्स का सहयोग किया गया।
– शक्ति सिंह रावत, सरपंच केसरपुरा
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