ब्रिटिशकाल और आजादी के बाद से अजमेर जिला शैक्षिक हब रहा है। यहां राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, सीबीएसई कार्यालय सहित देश का 188 साल पुराना राजकीय महाविद्यालय, मेयो कॉलेज, दयानंद कॉलेज सहित कई मिशनरी स्कूल, सरकारी स्कूल हैं। अजमेर के छात्र-छात्राओं ने बोर्ड, कॉलेज और विश्वविद्यालयों में हमेशा धाक जमाई है। लेकिन पिछले 10-15 साल से अजमेर लगातार पिछड़ रहा है। कभी अजमेर से पीछे रहने वाले सीकर, झुंझुनूं, नागौर, टोंक, जालौर, जयपुर और अन्य जिलों ने बेहतरीन प्रदर्शन के बूते धाक जमाई है।
यूं बंद की थी मेरिट…
वर्ष 2016-17 तक बोर्ड बारहवीं और दसवीं कक्षा की वरीयता सूची जारी करता था। इसी सत्र में दसवीं कक्षा की वरीयता सूची में एक ही स्कूल के दस विद्यार्थियों के नाम शामिल होने पर प्रदेश में बवाल मच गया। मेरिट लिस्ट की उच्च स्तरीय जांच भी करानी पड़ गई। इस घटना में सरकार और बोर्ड की काफी किरकिरी हुई थी। इससे सबक लेते हुए बोर्ड ने दसवीं और बारहवीं कक्षा में मेरिट लिस्ट जारी करना ही बंद कर दिया।
वर्ष 2016-17 तक बोर्ड बारहवीं और दसवीं कक्षा की वरीयता सूची जारी करता था। इसी सत्र में दसवीं कक्षा की वरीयता सूची में एक ही स्कूल के दस विद्यार्थियों के नाम शामिल होने पर प्रदेश में बवाल मच गया। मेरिट लिस्ट की उच्च स्तरीय जांच भी करानी पड़ गई। इस घटना में सरकार और बोर्ड की काफी किरकिरी हुई थी। इससे सबक लेते हुए बोर्ड ने दसवीं और बारहवीं कक्षा में मेरिट लिस्ट जारी करना ही बंद कर दिया।
टीचिंग जॉब छोड़कर क्यों बनना चाहते हो सब इंस्पेक्टर अजमेर. पुलिस की नौकरी में आपको ज्यादा आकर्षण लगता है…, आप टीचिंग छोड़कर उप निरीक्षक क्यों बनना चाहते हैं……ऐसी ही सवाल राजस्थान लोक आयोग में उप निरीक्षक/प्लाटून कमाण्डर 2016 के साक्षात्कारके दौरान अभ्यर्थियों से पूछे गए।
उप निरीक्षक/प्लाटून कमांडर भर्ती-2016 के साक्षात्कार सुबह 9 और दूसरी पारी में दोपहर 2 बजे हुए। कोरोना संक्रमण के कारण आयोग ने पूरी सतर्कता बरती। सिविल लाइंस थाना पुलिस का जाप्ता आयोग के समक्ष तैनात रहा। सिर्फ अभ्यर्थियों को ही आयोग परिसर में प्रवेश दिया गया। अभ्यर्थियों को फेस शील्ड दी गई।
उप निरीक्षक/प्लाटून कमांडर भर्ती-2016 के साक्षात्कार सुबह 9 और दूसरी पारी में दोपहर 2 बजे हुए। कोरोना संक्रमण के कारण आयोग ने पूरी सतर्कता बरती। सिविल लाइंस थाना पुलिस का जाप्ता आयोग के समक्ष तैनात रहा। सिर्फ अभ्यर्थियों को ही आयोग परिसर में प्रवेश दिया गया। अभ्यर्थियों को फेस शील्ड दी गई।