सरकारी शिक्षक के लिए अनिवार्य
बोर्ड परीक्षाओं के लिए प्रदेश के समस्त शिक्षकों को परीक्षक और वीक्षक कार्य अनिवार्य रूप से करना होगा। आवंटित कार्य अस्वीकार करने अथवा नहीं करने पर संबंधित शिक्षक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। बोर्ड की परीक्षा समिति के निर्णय के तहत कम्प्यूटर विज्ञान की प्रायोगिक परीक्षा के लिए अगर शाला दर्पण में पंजीकृत शिक्षकों की कमी हो तो राजकीय विद्यालयों में कम्प्यूटर डिग्रीधारी शिक्षकों अथवा राजकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय, पोलीटेक्निक महाविद्यालय व तकनीकी व व्यवसायिक शिक्षा संस्थान में नियमित रूप से कार्यरत व्याख्याताओं को भी परीक्षक बनाया जा सकेगा।
बोर्ड परीक्षाओं के लिए प्रदेश के समस्त शिक्षकों को परीक्षक और वीक्षक कार्य अनिवार्य रूप से करना होगा। आवंटित कार्य अस्वीकार करने अथवा नहीं करने पर संबंधित शिक्षक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। बोर्ड की परीक्षा समिति के निर्णय के तहत कम्प्यूटर विज्ञान की प्रायोगिक परीक्षा के लिए अगर शाला दर्पण में पंजीकृत शिक्षकों की कमी हो तो राजकीय विद्यालयों में कम्प्यूटर डिग्रीधारी शिक्षकों अथवा राजकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय, पोलीटेक्निक महाविद्यालय व तकनीकी व व्यवसायिक शिक्षा संस्थान में नियमित रूप से कार्यरत व्याख्याताओं को भी परीक्षक बनाया जा सकेगा।
अनुपस्थित रहने पर वही परीक्षा
प्रायोगिक परीक्षा के दौरान नियत तिथि पर किसी वजह से अनुपस्थित रहने वाले परीक्षार्थी की परीक्षा उसी परीक्षक द्वारा उसी विद्यालय में अन्य बैच के साथ ली जा सकेगी। इसके लिए अन्य परीक्षक अथवा अन्य विद्यालय में परीक्षा मान्य नहीं होगी। ऐसी स्थिति में परीक्षार्थी को परीक्षा में अनुपस्थित माना जाएगा।
प्रायोगिक परीक्षा के दौरान नियत तिथि पर किसी वजह से अनुपस्थित रहने वाले परीक्षार्थी की परीक्षा उसी परीक्षक द्वारा उसी विद्यालय में अन्य बैच के साथ ली जा सकेगी। इसके लिए अन्य परीक्षक अथवा अन्य विद्यालय में परीक्षा मान्य नहीं होगी। ऐसी स्थिति में परीक्षार्थी को परीक्षा में अनुपस्थित माना जाएगा।
यह भी पढ़ें….वरना करेंगे उपचुनाव का बहिष्कार अजमेर. राजस्थान प्राईवेट एज्यूकेशन के प्रदेशाध्क्ष कैलाश चन्द शर्मा के नेतृत्व में शुक्रवार को जिला कार्यकारिणी की बैठक हुई। स्कूल संचालकों ने साफ किया कि सरकार ने मांगें नहीं मानी तो आगामी लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव में बहिष्कार किया जाएगा।
प्रदेश संयोजक हेमेन्द्र बारोटिया ने बताया कि सरकार निजी स्कूल को परेशान करने पर तुली है। पांचवीं बोर्ड में ना समान पाठ्यक्रम ना आदेश जारी किए हैं। आठवीं बोर्ड मे नि: शुल्क परीक्षा ली जा रही है। आरटीई नियमों के तहत परीक्षा के नाम से कोई शुल्क नही लिया जाता है। मेरिट बंद करना, केवल सरकारी विद्यालय के छात्रो को स्कूटी, साईकिल, लेपटॉप वितरण करना गलत है। सचिव हेमचन्द रांका ने बताया कि प्रत्येक ब्लॉक में 15 जनवरी के आठ ब्लॉक में कमेटियां गठित की जाएंगी। जिला संगठन मंत्री धीरज शर्मा ने बताया कि शिक्षा मंत्री एवं बोर्ड अध्यक्ष को कई ज्ञापन दिए गए फिर भी मांगें यथावत हैं। प्रदेशाध्यक्ष कैलाश चन्द शर्मा ने कहा है कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड मान्यता के नाम पर फीस वसूल रहा है। 2003 से निजी शिक्षण संस्थाओ को स्थाई और अस्थाई मान्यता जारी नहीं हुई है।संगठन फीस अधिनियम में विसंगतियो को लेकर न्यायालय की शरण ले चुका है। फिर भी सरकार निजी विद्यालयों पर फीस अधिनियम बनाने पर बाध्य कर रही है। इस दौरान अशोक कश्यप, आरके जॉन, आरके शक्तावत, प्रकाश शर्मा, अनिल भाटिया, राजीव वैष्णव, कमलेश, सरोज तिवाडी, रेखा शर्मा और अन्य मौजूद थे।