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आरबीएसई-हुआ ये फैसला तो बढ़ेंगी स्टूडेंट्स की मुसीबत, आप भी पढ़ें आखिर क्या है यह खेल

locationअजमेरPublished: May 15, 2018 06:01:17 am

Submitted by:

raktim tiwari

डुप्लीकेट अंकतालिका जारी करने के लिए विद्यार्थियों को संबंधित स्कूल से अनापत्ति प्रमाण-पत्र लाना होगा।

duplicate mark sheet issue of schools

duplicate mark sheet issue of schools

सुरेश लालवानी/अजमेर।

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान से उत्तीर्ण होने वाले करोड़ों विद्यार्थियों के लिए निकट भविष्य में खासी मुश्किलें खड़ी हो सकती है। वजह यह है कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान से डुप्लीकेट अंकतालिका जारी करने के लिए विद्यार्थियों को संबंधित स्कूल से अनापत्ति प्रमाण-पत्र लाना होगा। निजी स्कूल संचालकों की अनुशंसा और उच्चाधिकार प्राप्त समिति में उठे इस मुद्दे की समीक्षा के लिए मंगलवार को जयपुर में मंत्रिमंडलीय समिति इस पर चर्चा करेगी।
शिक्षा बोर्ड में रोजाना हजारों पूर्व एवं वर्तमान विद्यार्थी दसवीं और बारहवीं की अंकतालिका की प्रतिलिपि के लिए आवेदन करते हैं। नौकरी के लिए साक्षात्कार, दस्तावेज सत्यापन, पासपोर्ट बनवाने सहित अनेक औपचारिकताओं के लिए दसवीं और बारहवी की मार्कशीट लगानी होती है। प्रदेश के दूरदराज जिलों से रोजाना हजारों विद्यार्थी और अभिभावक अजमेर स्थित बोर्ड कार्यालय पहुंचते हैं। अंकतालिका तय समय पर जारी हो इसके लिए बोर्ड ने की जिलों में विद्यार्थी संग्रहण केन्द्र भी खोले हैं।
…तो लगाने पड़ेंगे चक्कर

दरअसल निजी विद्यालयों ने राज्य सरकार के समक्ष परीक्षा व्यवस्थाओं को लेकर डुप्लीकेट मार्कशीट जारी करने की प्रक्रिया पर आपत्ति जताई थी। निजी विद्यालया संघों द्वारा पूर्व में मंत्रिमंडलीय बैठक में यह तर्क दिया था कि डुप्लीकेट अंकतालिका के दुरुपयोग की अनेक शिकायतें सामने आई है।
लिहाजा नई व्यवस्था लागू कर अंकतालिका प्रतिलिपि के लिए विद्यार्थियों को अपने स्कूल से एनओसी लेने की बाध्यता लागू की जाए। बिना एनओसी किसी को भी अंकतालिका जारी नहीं की जाए। अगर यह व्यवस्था लागू हो गई तो बरसों पूर्व परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों अथवा उनके अभिभावकों को बोर्ड आने से पूर्व दूरदराज स्थित विद्यालय के चक्कर लगाने होंगे।
जानकारी के अनुसार अनेक विद्यालयों के पास विद्यार्थियों का पुराना रिकॉर्ड भी उपलब्ध नहीं है। निजी विद्यालय संचालक हाथोहाथ एनओसी जारी कर देंगे इसकी भी कोई गारंटी नहीं है। इन हालातों में जो कार्य महज एक दिन में होता है उसके लिए विद्यार्थियों को एक सप्ताह तक इंतजार करना पड़ सकता है।
मंत्रिमंडलीय समिति लेगी निर्णय
डुप्लीकेट अंकतालिका सहित बोर्ड के विभिन्न मुद्दों पर पिछली बैठकों में चर्चा हो चुकी है। इसमें बोर्ड प्रबंध मंडल में निजी विद्यालय के प्रतिनिधियों को शामिल करने, बोर्ड की उत्तरपुस्तिकाएं निजी विद्यालय के परीक्षकों से भी जंचवाने, संबद्धता शुल्क शमिल है। मंगलवार को इन मुद्दों पर अब मंत्रिमंडलीय समिति इसकी समीक्षा कर निर्णय करेगी। बैठक में मंत्रिमंडलीय समिति के अध्यक्ष उद्योग मंत्री राजपालसिंह शेखावत, सार्वजनिक निर्माण विभाग मंत्री यूनुस खान, शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी एवं स्कूली शिक्षा विभाग के प्रमुख शासन सचिव शामिल होंगे।
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