बोर्ड की सचिव मेघना चौधरी ने बताया कि प्रायोगिक परीक्षाओं में पूरे राज्य में 4,39,860 विद्यार्थी सम्मिलित होंगे। इनमें विज्ञान वर्ग में 2,37,656 और कला वर्ग में 2,02,204 विद्यार्थी परीक्षा देंगे। प्रायोगिक परीक्षा के लिए राज्य में 8000 से भी अधिक परीक्षकों की नियुक्ति की गई है। इन प्रायोगिक परीक्षाओं पर नजर रखने के लिए 35 उडऩदस्तों का गठन किया गया है, जो प्रायोगिक परीक्षा के दौरान विद्यालयों में लैब और उनमें उपलब्ध संसाधनों की जांच के अतिरिक्त बोर्ड के केन्द्रीय कन्ट्रोल रूम को प्राप्त शिकायतों पर भी त्वरित कार्यवाही करेंगे।
प्रायोगिक परीक्षा के दौरान विद्यालय में नियत तिथि को अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थी की परीक्षा उसी परीक्षक की ओर से उसी विद्यालय में लिए जा रहे अन्य बैच में शाला प्रधान की विशेष अनुमति से कराई जा सकेगी। किसी भी स्थिति में अन्य परीक्षक अथवा अन्य विद्यालय में परीक्षा की अनुमति नहीं दी जाएगी, तथा परीक्षार्थी को अनुपस्थित मानकर परिणाम जारी कर दिया जाएगा।
बोर्ड ने इस वर्ष कुछ विषयों में जिले के मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी को परीक्षक नियुक्त करने के अधिकार दिए हैं। अधिकांश विषयों में बोर्ड स्तर पर ही परीक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। बोर्ड ने समस्त बाह्य परीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि वे उनकी ओर से ली जाने वाली परीक्षा की तिथि से बोर्ड के नियंत्रण कक्ष को ई-मेल के माध्यम से सूचित करेंगे। बोर्ड ने इस वर्ष से प्रायोगिक परीक्षा में नियुक्त परीक्षकों को पारिश्रमिक बिल ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा भी उपलब्ध कराई है।