पिछले साल यह था नतीजा
साल 2017 में बारहवीं विज्ञान वर्ग का परिणाम 90.36 और वाणिज्य वर्ग का 90.88 प्रतिशत रहा था। विज्ञान वर्ग में छात्राओं का परिणाम 93.30 और छात्रों का 89.21 प्रतिशत रहा था। इसी तरह वाणिज्य वर्ग में छात्राओं का परिणाम 95.27और छात्रों का 88.56 प्रतिशत रहा था। पिछले साल विज्ञान और वाणिज्य वर्ग में कुल 19 हजार 274 विद्यार्थी फेल हुए थे। दोनों में कुल 7 हजार 434 विद्यार्थियों को सप्लीमेंट्री के योग्य घोषित किया गया था। विज्ञान में 17 हजार 012 विद्यार्थी फेल हुए थे। जबकि कॉमर्स में 2 हजार 262 विद्यार्थी फेल हुए थे।
साल 2017 में बारहवीं विज्ञान वर्ग का परिणाम 90.36 और वाणिज्य वर्ग का 90.88 प्रतिशत रहा था। विज्ञान वर्ग में छात्राओं का परिणाम 93.30 और छात्रों का 89.21 प्रतिशत रहा था। इसी तरह वाणिज्य वर्ग में छात्राओं का परिणाम 95.27और छात्रों का 88.56 प्रतिशत रहा था। पिछले साल विज्ञान और वाणिज्य वर्ग में कुल 19 हजार 274 विद्यार्थी फेल हुए थे। दोनों में कुल 7 हजार 434 विद्यार्थियों को सप्लीमेंट्री के योग्य घोषित किया गया था। विज्ञान में 17 हजार 012 विद्यार्थी फेल हुए थे। जबकि कॉमर्स में 2 हजार 262 विद्यार्थी फेल हुए थे।
यूं रहे थे जिलों के परिणाम बीते साल सीनियर सेकंडरी विज्ञान में नागौर जिला 94.10 प्रतिशत के साथ पूरे राज्य में प्रथम रहा था। जबकि शिक्षा राज्य मंत्री का गृह जिला अजमेर 86.61 प्रतिशत के साथ प्रदेश में 32 वें स्थान पर था। इसी तरह वाणिज्य वर्ग में 95.38 प्रतिशत के साथ जैसलमेर जिला सबसे टॉप रहा। अजमेर जिला 90.27 प्रतिशत के साथ 19 वें स्थान पर रहा था। ऐसा तब हुआ जबकि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का कार्यालय अजमेर में है। साथ ही अजमेर को राजस्थान का एज्यूकेशन हब कहा जाता रहा है।
सप्लीमेंट्री परीक्षा जुलाई-अगस्त में बोर्ड बारहवीं और दसवीं के सभी रिजल्ट जारी होने के बाद सप्लीमेंट्री परीक्षा कराएगा। यह परीक्षा जुलाई अंत या अगस्त में होगी। इसके लिए स्टूडेंट्स को फार्म भी भरने पड़ेंगे। इन परीक्षाओं में वही स्टूडेंट्स बैठेंगे जिनके अलग-अलग सब्जेक्ट में सप्लीमेंट्री आई है।