परीक्षा के लिए बैठक रीट सहित माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की सालाना परीक्षाओं के संचालन व सुरक्षा को लेकर जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला समन्वयकों की बैठक गुरुवार को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सभागार में आयोजित होगी। प्रश्न-पत्रों की सुरक्षा सहित परीक्षाओं में अनुचित साधनो की रोकथाम के लिए परीक्षा केन्द्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
यूं शुरू हुई रीट परीक्षा
राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद शिक्षकों की भर्ती के लिए रीट परीक्षा कराने का फैसला हुआ है। साल 2016 में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड रीट परीक्षा करा चुका है। लेकिन नियुक्ति में काफी विलम्ब हो रहा है। इससे पहले राज्य में आरटेट परीक्षा होती थी। इसको पास करने के बाद विद्यार्थियों को राजस्थान लोक सेवा आयोग या जिला परिषद के माध्यम से होने वाली शिक्षक भर्ती परीक्षा भी पास करनी पड़ती थी।
राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद शिक्षकों की भर्ती के लिए रीट परीक्षा कराने का फैसला हुआ है। साल 2016 में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड रीट परीक्षा करा चुका है। लेकिन नियुक्ति में काफी विलम्ब हो रहा है। इससे पहले राज्य में आरटेट परीक्षा होती थी। इसको पास करने के बाद विद्यार्थियों को राजस्थान लोक सेवा आयोग या जिला परिषद के माध्यम से होने वाली शिक्षक भर्ती परीक्षा भी पास करनी पड़ती थी।
सर्टिफिकेट की अवधि कम
पूर्व में आरटेट परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को पासिंग सर्टिफिकेट दिए गए थे। आरटेट के सर्टिफिकेट की अवधि छह साल रखी गई। इसके विपरीत रीट के सर्टिफिकेट की अवधि तीन साल ही रखी गई है। इसके चलते रीट के अभ्यर्थियों को नुकसान है। तीन साल की अवधि में उन्हें पोस्टिंग नहीं मिली तो सर्टिफिकेट काम नहीं आएगा। साथ ही उन्हें दोबारा परीक्षा पास करनी पड़ सकती है।
पूर्व में आरटेट परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थियों को पासिंग सर्टिफिकेट दिए गए थे। आरटेट के सर्टिफिकेट की अवधि छह साल रखी गई। इसके विपरीत रीट के सर्टिफिकेट की अवधि तीन साल ही रखी गई है। इसके चलते रीट के अभ्यर्थियों को नुकसान है। तीन साल की अवधि में उन्हें पोस्टिंग नहीं मिली तो सर्टिफिकेट काम नहीं आएगा। साथ ही उन्हें दोबारा परीक्षा पास करनी पड़ सकती है।
पहले आरपीएससी कराता था भर्ती परीक्षा
पूर्व में प्रदेश में तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती परीक्षा राजस्थान लोक सेवा आयोग ने कराई थी। इसके अन्तर्गत वर्ष 2005 और 2006 में बड़े पैमाने पर तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती हुई थी। हालांकि भर्ती परीक्षा में कई पेचीदगियां हुई लेकिन आयोग ने इसे कुशलता से अंजाम दिया। बाद में कांग्रेस राज ने पंचायत राज अधिनियम के तहत यह कामकाज जिला परिषदों को सौंप दिया। लेकिन आरटेट उत्तीर्ण की पात्रता रखी। मौजूदा भाजपा सरकार ने रीट को ही शिक्षकों की नियुक्ति की पात्रता बना दिया।
पूर्व में प्रदेश में तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती परीक्षा राजस्थान लोक सेवा आयोग ने कराई थी। इसके अन्तर्गत वर्ष 2005 और 2006 में बड़े पैमाने पर तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती हुई थी। हालांकि भर्ती परीक्षा में कई पेचीदगियां हुई लेकिन आयोग ने इसे कुशलता से अंजाम दिया। बाद में कांग्रेस राज ने पंचायत राज अधिनियम के तहत यह कामकाज जिला परिषदों को सौंप दिया। लेकिन आरटेट उत्तीर्ण की पात्रता रखी। मौजूदा भाजपा सरकार ने रीट को ही शिक्षकों की नियुक्ति की पात्रता बना दिया।