scriptटैरिफ पिटिशन पर आरइआरसी ने की ऑनलाइन जनसुनवाई जिले की कई संस्थाओं ने दर्ज करवाई आपत्ति | RERC did online public hearing on tariff petition, many institutions o | Patrika News

टैरिफ पिटिशन पर आरइआरसी ने की ऑनलाइन जनसुनवाई जिले की कई संस्थाओं ने दर्ज करवाई आपत्ति

locationअजमेरPublished: Jul 30, 2021 10:07:45 pm

Submitted by:

bhupendra singh

दिए सुझाव
अजमेर डिस्कॉम के अधिकारी भी हुए शामिल

Ajmer Discom'

अजमेर डिस्कॉम

अजमेर. राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग (आरईआरसी) में गुरुवार को बिजली कम्पनियों की ओर से दायर टैरिफ पीटिशन पर ऑनलाइन प्लेटफार्म पर जनसुनवाई की। इस दौरान जिले के 8 संस्थाओं/ व्यक्तियों आपत्ति—सुझाव पर चर्चा की की गई। गंभीर यह है कि अजमेर विद्युत वितरण निगम के तहत 11 जिलों व 12 सर्किलों के 60 विद्युत उपभोक्ता हैं। बिजली व्यवस्था,विद्युत दर,फिक्स चार्ज पर चर्चा के लिए केवल 8 आपत्ति—सुझाव आए हैं। हालांकि, इस पीटिशन में विद्युत दर बढ़ाने का प्रस्ताव नहीं है,लेकिन अघरेलू उपभोक्ताओं (कॉमर्शियल,संस्थानिक,औद्योगिक) पर फिक्स चार्ज को बोझ बढ़ सकता है। डिस्कॉम्स ने इन्फ्रास्ट्रक्चर सुविधा के नाम पर फिक्स चार्ज बढ़ाना प्रस्तावित किया है।
इन्होनें दर्ज करवाई आपत्ति सुझाव

अजमेर डिस्कॉम से हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड, सिक्योर मीटर, बास्क रिसर्च फाउंडेशन, लोक सम्पत्ति संरक्षण समिति, वाई.के.बोलिया, हस्तीमल चौरडिय़ा, वीरेन्द्र गहलोत तथा दिनेश गुप्ता ने आपत्ति दर्ज करवाई है। निगम मुख्यालय से निगम के वरिष्ठ अधिकारी जनसुनवाई में वीसी के जरिए शामिल हुए।
फिक्स चार्ज बढ़ाने का प्रस्ताव.

इंफ्रास्ट्रचर सुविधा के नाम पर बिजली कंपनियां फिक्स चार्ज बढ़ाने की तैयारी में है। इसमें अघरेलू उपभोक्ताओं (कॉमर्शियल, संस्थानिक,औद्योगिक) के लिए विद्युत दर कम करके फिक्स चार्ज बढ़ाने का फार्मूला सुझाया गया है। कॉमर्शियल, संस्थाानिक व औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ता पर 5 प्रतिशत विद्युत दर कम करके 5 प्रतिशत फिक्स चार्ज बढ़ाने का प्रस्ताव। इसके तहत 5 प्रतिशत विद्युत दर कम करके 5 प्रतिशत ही फिक्स चार्ज बढ़ाना प्रस्तावित है। जबकि, सालाना 12 हजार यूनिट बिजली खपत वाले घरेलू उपभोक्ताओं से यूनिट की बजाय लोड के आधार पर फिक्स चार्ज लेने का खाका बनाया गया। टैरिफ पीटिशन में इसकी अनुमति चाही है। बिजली कंपनियों का तर्क है कि व्यवस्था को बेहतर बनाया जा रहा है, इससे केवल कुछ ही बड़े उपभोक्ताओं पर ही वित्तीय भार आएगा। जबकि हकीकत यह भी है कि अभी सभी घरेलू उपभोक्ताओं को इसके दायरे में लाने पर हल्ला मचने की आशंका रहेगी, इसलिए इन्हें धीरे—धीरे इस फार्मूले में फिट करेंगे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो