बना रखी थी जोडिय़ां पुलिस महानिरीक्षक(अजमेर रेंज) एस. सेंगाथिर की स्पेशल टीम की पड़ताल में आया कि नीट-जेईई में कमजोर अभ्यर्थी को पास कराने वाले गिरोह में प्रदेश में सीकर नीमकाथाना निवासी महेन्द्र कुमार सैनी की अहम भूमिका थी। सैनी डॉ. राजन राजगुरु के साथ काम करता था। उसी तरह अर्पित स्वामी कोटा के मोहम्मद तंजील के साथ था लेकिन सभी डॉ. खुर्शीद के जरिए आपस में जुड़े हुए थे। जरूरत पडऩे पर एकदूसरे की मदद भी करते थे। पड़ताल में आया कि गिरोह का नीट-जेईई के लिए आरक्षित वर्ग के परीक्षार्थियों पर फोकस रहता था। ताकि उसे पास करवाने में ज्यादा मेहनत ना करनी पड़ी।
बांट रखे थे क्षेत्र. . काम भी. .
बांट रखे थे क्षेत्र. . काम भी. .
गिरोह के सरगना के तौर पर सामने आए डॉ. खुर्शीद ने देशभर में महेन्द्र सैनी-डॉ. राजन राजगुरू, अर्पित गोस्वामी-मोहम्मद तंजील जैसी दर्जनों लाइन बना रखी हैं। जो अपने साथियों के साथ अलग-अलग क्षेत्र में रहकर कमजोर व आरक्षित वर्ग के परीक्षार्थियों को तलाशते थे। गिरोह मेडिकल, वेटरनरी कॉलेज में पहली बार में परीक्षा पास करने वाले प्रथम-द्वितीय वर्ष के मेडिकोज को बतौर डमी परीक्षा देने को तैयार करते थे। सीकर, जयपुर की जिम्मेदारी महेन्द्र सैनी के साथ डॉ. राजन राजगुरु उर्फ बायो सर ने संभाल रखी थी। वहीं दिल्ली, अलवर, कोटा का काम अर्पित स्वामी कोटा के मोहम्मद तंजिल के साथ देखता था। चारों जरूरत पडऩे पर एकदूसरे की मदद भी करते थे।
अर्पित का कर्नाटक में नेटवर्क! पुलिस पड़ताल में अलवर हाल दिल्ली वेस्ट निवासी अर्पित स्वामी का नेटवर्क कर्नाटक में फैला होना भी पता चला है। वह कर्नाटक में ना केवल कमजोर परीक्षाॢथयों की जगह डमी मेडिकोज को राजी करता बल्कि पास होने के बाद मेडिकल कॉलेज की सीट भी छुड़वा देता था। जिससे रिक्त सीट पर वह कॉलेज प्रबंधन से सांठगांठ कर अपने परीक्षार्थी का दाखिला करवा सके।
इतना साजो-सामान जब्त
पुलिस ने प्रकरण में अब तक 4 लेपटॉप, 40 मोबाइल, पेन ड्राइव, हार्डडिस्क व अभ्यर्थियों के दस्तावेज बरामद किए हैं। इसमें महेन्द्र सैनी से 61 हजार रुपए की नकदी, अर्पित स्वामी से 18 मोबाइल, मनोज बिजारिणां से कार बरामद की है। बरामद कार अभ्यर्थियों को सेंटर तक छोडऩे व इधर-उधर लाने, ले जाने में काम आती थी। इसके अलावा जयपुर में डॉ. राजन राजगुरु से परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र, उत्तर कुंजी भी बरामद की गई है।
पुलिस ने प्रकरण में अब तक 4 लेपटॉप, 40 मोबाइल, पेन ड्राइव, हार्डडिस्क व अभ्यर्थियों के दस्तावेज बरामद किए हैं। इसमें महेन्द्र सैनी से 61 हजार रुपए की नकदी, अर्पित स्वामी से 18 मोबाइल, मनोज बिजारिणां से कार बरामद की है। बरामद कार अभ्यर्थियों को सेंटर तक छोडऩे व इधर-उधर लाने, ले जाने में काम आती थी। इसके अलावा जयपुर में डॉ. राजन राजगुरु से परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र, उत्तर कुंजी भी बरामद की गई है।
केन्द्र संचालकों से होगी पूछताछ प्रकरण में पुलिस गिरफ्त में आए आरोपियों समेत डमी मेडिकोज के बैंक खातों की जानकारी जुटाने के साथ उसमें मौजूद रकम व लेनदेन को टटोल रही है। इसके अलावा आरोपियों की पूछताछ के बाद जयपुर के परीक्षा केन्द्र संचालकों से भी पूछताछ की जाएगी।
इनका कहना है…
प्रकरण में आरोपियों से पूछताछ में कई नाम सामने आए हैं। उनसे पूछताछ व गिरफ्तार किया जाना शेष है। बैंक खातों की भी जानकारी जुटाई जा रही है। जिससे उनके लेनदेन की जानकारी जुटाई जा सके।
प्रकरण में आरोपियों से पूछताछ में कई नाम सामने आए हैं। उनसे पूछताछ व गिरफ्तार किया जाना शेष है। बैंक खातों की भी जानकारी जुटाई जा रही है। जिससे उनके लेनदेन की जानकारी जुटाई जा सके।
राजेश चौधरी, एडि.एसपी (अपराध एवं सतर्कता) अजमेर रेंज