राज्य सरकार पर उन्हें इस कदम के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया। इससे पूर्व राजस्थान एसोसिएशन रेजीडेंट डॉक्टर्स जेएलएन मेडिकल कॉलेज की ओर से राज्य सरकार को मेडिकल कॉलेज प्रिंसीपल के माध्यम से ज्ञापन सौंप कर शनिवार को चेतावनी दे दी थी। उन्होंने बताया कि रेजीडेंट चिकित्सकों की लम्बित मांगों की क्रियान्विति नहीं होने एवं सेवारत चिकित्सकों पर हुई दमनात्मक कार्रवाई के विरोध में अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार पर जाने का निर्णय किया है।
डॉ. लामरोड़ के अनुसार शनिवार को 24 घंटे में चिकित्सकों के खिलाफ की गई समस्त दमनात्मक कार्रवाई वापस नहीं लेने पर कार्य बहिष्कार के लिए चेता दिया था। एसोसिएशन ने जीबीएम में सर्वसम्मति से निर्णय लेकर 18 दिसम्बर को सुबह 8 बजे कार्य बहिष्कार की घोषणा की है।
ढाई सौ का कार्य बहिष्कारों जिले में करीब 10 सेवारत चिकित्सक ही ड्यूटी पर हैं, इनमें कुछ तो पाबंद हुए चिकित्सक हैं। जबकि जिलेभर के करीब 250 सेवारत चिकित्सक रेस्मा कानून के बाद पुलिस की धरपकड़ के चलते भूमिगत हो गए हैं।
मरीजों को किसके भरोसे छोड़ेंगे! सेवारत चिकित्सकों के बाद अब रेजीडेंट चिकित्सकों के कार्य बहिष्कार जाने के बाद मरीजों को किसके भरोसे छोड़ेंगे। अब तक मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा व्यवस्थाएं सुचारू होने से किसी तरह की परेशानी नहीं हो रही थी। मगर रेजीडेंट चिकित्सकों के सम्पूर्ण कार्य बहिष्कार से फिर सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीजों को एक-एक कर डिस्चार्ज करने की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
चिकित्सकों पर दमनकारी कार्रवाई बंद हो अजमेर. अखिल राजस्थान राज्य आयुष नर्सेज महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष छीतरमल सैनी ने राज्य सरकार को पत्र भेजकर लोकतांत्रिक प्रदेश में चिकित्सकों के खिलाफ सरकार की ओर से की जा रही दमनकारी कार्रवाई को बंद कर उनकी न्यायोचित मांगों मानकर सम्पूर्ण प्रदेश में लडखड़़ा रही चिकित्सा व्यवस्था को दुरुस्त कर आम जनता को राहत प्रदान करवाने की मांग की है। सैनी ने कहा कि जब सरकार और चिकित्सकों के बीच 12 नवम्बर को लिखित में समझौता हो चुका है तो सरकार उसे लागू करने की बजाय चिकित्सकों को भड़काने वाले कार्य, बयानबाजी दमनात्मक कार्रवाई क्यों कर रही है।
दो चिकित्सकों के भरोसे रही चिकित्सा व्यवस्था नसीराबाद . राजस्थान चिकित्सक एसोसिएशन द्वारा चल रहे आक्रोश प्रदर्शन के दौरान राज्य सरकार द्वारा शुक्रवार देर रात चिकित्सकों की गिरफ्तारी शुरू करने के चलते रविवार को दूसरे दिन भी राजकीय सामान्य चिकित्सालय दो चिकित्सकों के भरोसे ही रहा। शेष अन्य चिकित्सक गिरफ्तारी के डर के मारे भूमिगत हो गए। रविवार को प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. नारायणसिंह भाटी व डॉ. पदमा पंवार ने आउटडोर में बैठकर मरीजों की जाँच कर उन्हें परामर्श दिया वहीं अपरान्ह बाद दो आयुर्वेदिक चिकित्सकों ने अपनी सेवाएं दी।
पीएमओ स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन के लिए पाबंद नसीराबाद . चिकित्सकों की राज्य स्तरीय हड़ताल के मद्देनजर नसीराबाद के उपखंड अधिकारी रामावतार कुमावत ने सामान्य चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. नारायणसिंह भाटी को स्वास्थ्य सेवाओं के सुचारू संचालन के लिए पाबंद किया है। कुमावत ने प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए कि वे 15 से 17 दिसम्बर तक राजकीय सामान्य चिकित्सालय की विस्तृत रिपोर्ट जो पूर्व में मांगी गई थी और नहीं दी गई वह उपलब्ध कराएं। साथ ही सामान्य चिकित्सालय में चिकित्सा व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित हो इस बाबत राज्य सरकार व चिकित्सा विभाग के निर्देशानुसार सभी माकूल व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। कोई अव्यवस्था मरीजों के उपचार को लेकर या किसी तरह की कानून व्यवस्था नहीं बिगड़े व कोई जनहानि न हो। कुमावत ने यह भी निर्देशित किया कि प्रदेशव्यापी हड़ताल के चलते पर्याप्त मात्रा में दवाइयों व नर्सिंग स्टाफ आदि की व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की जाए।