अब वर्चुल ले रहे जानकारी गौरतलब है कि राजस्व मंडल में लम्बित 65 हजार मुकदमों के त्वरित निस्तारण के लिए राजस्व मंडल के 7 सदस्यों को मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, पंजाब तथा उत्तराखंड के रेवन्यू बोर्ड की कार्य प्रणाली के अध्ययन के लिए जाना था। इसके बाद रिपोर्ट तैयार कर देनी थी। 7 में से केवल 2 ही जा सके। एक पंजाब तथा उत्तराखंड गए हैं। शेष सदस्यों को दूसरे राज्यों के रेवन्यू बोर्ड से कोर्डिनेट कर वर्चुअल माध्यम से मीटिंग कर प्रजेंटेशन तैयार करने के निर्देश दिए गए है। पिछले चार दिनों से मिल रही सिर्फ तारीखें
कोरोना के चलते राजस्व मंडल में पिछले चार दिनों से मुकदमों की सुनवाइ्र्र नहीं हो रही है। मुकदमों में केवल आगामी तारीखें दी जा रही है। इससे मुकदमों के निस्तारण पर असर पड़ रहा है। वहीं कोरोना के कारण राजस्व मंडल में केवल 50 प्रतिशत कार्मचारी ही एक दिन के अंतराल पर आ रहे हैं।
ऑन लाइन सुनवाई की व्यवस्था नहीं हाई कोर्ट सहित अन्य न्यायालयों में जहां मुकदमों की ऑनलाइन सुनवाई की सुविधा है इसके उलट राज्य की सबसे बड़ी भूमि अदालत होने के बावजूद राजस्व मंडल में ऑनलाइन सुनवाई के लिए किसी भी स्तर पर पहल नहीं हो रही है। हालांकि राजस्व मंडल में लाखों रूपए खर्च कर ऑनलाइन सिस्टम तैयार किया गया है। सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। एलइडी टीवी सिस्टम और वाई-फाई लगाए हैं ही। लेकिन इसका लाभ नहीं मिल रहा है। न अधिवक्ता रूचि लेते हैं और न ही कर्मचारी ही। राजस्व मंडल में करीब 65 हजार मुकदमें पेंडिग चल रहे हैं।