राजस्व मंडल : अवमानना प्रकरणों का भी भारी बोझ
-कई जिलों के कलक्टर, एसडीएम आदि पक्षकार
-फैसलों को तवज्जो नहीं देने के आरोप
अजमेर
Updated: May 27, 2022 10:52:30 pm
भूपेन्द्र सिंह
भूूमि विवाद की सबसे बड़ी अदालत राजस्व मंडल में काफी संख्या में अवमानना याचिकाएं विचाराधीन हैं। इनमें याचिकाकर्ताओं ने सम्बंधित जिलों के कलक्टर, एसडीएम, एडीएम आदि को पक्षकार बनाया हुआ है। अधिकांश में राजस्व मंडल के फैसले की पूर्णरूप से पालना नहीं होने के कारण जिम्मेदार अधिकारियों व पक्षकारों पर कार्रवाई चाही गई है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि मंडल के फैसले को उनके जिले में अधिकारी तवज्जो नहीं दे रहे हैं। ऐसे एक हजार से अधिक मामलों को अवमानना की श्रेणी में रखते हुए राजस्व मंडल में कार्रवाई के लिए सुनवाई की जा रही है। यह प्रकरण वर्ष 2012 से पूर्व के हैं। इसके बाद के अवमानना मामलों की छंटनी की जाए तो यह संख्या कई गुना हो सकती है। कई मामले तो 2004 से ही चल रहे हैं लेकिन अब 18 साल बाद भी इनका निपटारा नहीं हो सका। कई मामले तो ऐसे भी हैं जिनमें जिस अधिकारी व पक्षकार के खिलाफ अवमानना का मुकदमा चल रहा है वह अब दुनिया में नहीं है लेकिन इसके बावजूद सुनवाई हो रही है।
किस जिले के कितने अवमानना प्रकरण
राजस्व मंडल में राज्य के विभिन्न कलक्टर,एडीएम, एसीएम,एसडीओ , तहसीलदार, पटवारी के विरुद्ध 1006 अवमानना के मुकदमे चल रहे हैं। इनमें सर्वाधिक 96 मामले जयपुर जिले के हैं। जबकि भरतपुर 23, नागौर 48, दौसा 30 ,सीकर 47 , हनुमानगढ़ 27, बाड़मेर 28, झुंझुनूं 37, सवाईमाधोपुर 34, अलवर 45 , अजमेर 47 ,उदयपुर 32, करौली 15, कोटा 42, गंगानगर 44 , चित्तौड़गढ 20 ,चूरू 17 , जालौर 25, जोधपुर 54, झुंझुंनू 37, टोंक 34, धौलपुर15, पाली 38, बांसवाड़ा 5, बाड़मेर 28, बांरा 24, बीकानेर 53, भीलवाड़ा का 27 तथा राजसमन्द के 8 अवमानना प्रकरण लम्बित हैं। यह सभी प्रकरण 2012 से पूर्व के हैं।

Court News:
कमीपूर्ति में भी अटके हैं प्रकरण राजस्व मंडल में अवमानना के प्रकरण वर्ष 2005 से 2012 तक के बीच के हैं जो कमी पूर्ति में चल रहे हैं । इनमें नोटिस पेश नहीं करने जैसी कुछ कमियां हैं। ऐसे मामले को नियत करते हुए उनमें कमी पूर्ति करवाई जाए तो इनको भी निस्तारित किया जा सकता है।
160 मामले दर्ज होने से आगे ही नहीं बढ़े राजस्व मंडल में वर्ष 2001 से लेकर 2012 तक के 160 प्रकरण तो ऐसे हैं जिनमें अब तक प्रकरण सुनवाई के लिए एडमिशन के स्तर पर ही नियत है। देखा जाए तो 21 साल बीतने के बाद भी प्रकरण सुनवाई के लिए प्रस्तुत किए जाने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी।
इनका कहना है इस मामले में चेयरमैन से चर्चा हुई है। लिस्ट निकलवाई जा रही है। लीगल पोजीशन चेक कर रहे हैं। छंटनी की जाएगी, फिर देखेंगे क्या हो सकता है। महावीर प्रसाद, निबन्धक, राजस्व मंडल अजमेर
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