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आप जानकर रह जाएंगे हैरान, 118 साल पहले तैयार हुआ था अजमेर का ये खास Register

locationअजमेरPublished: Sep 05, 2018 05:49:56 am

Submitted by:

raktim tiwari

www.patrika.com/rajasthan-news

राजपुताना एजेंसी प्रेस माउंट आबू में किया गया।

record of ajmer

अजमेर.

आज भले ही अजमेर पुष्कर सहित आसपास का राजस्व रिकॉर्ड दुरुस्त नहीं हो लेकिन 118 साल पहले अजमेर मेरवाड़ा स्टेट के 1910 में तैयार हुअए सैटलमेंट रजिस्टर तैयार राजस्व रिकॉर्ड का बिन्दुवार डाटा उपलब्ध है। अजमेर मेरवाड़ा स्टेट के सैटलमेंट रजिस्टर को आईसीएस डब्ल्यू जे.ई लप्टन ने तैयार किया। इसका प्रकाश राजपुताना एजेंसी प्रेस माउंट आबू में किया गया।
अजमेर मेरवाड़ा राज्य में अजमेर,ब्यावर तथा टाडगढ़ तीन तहसीलें थीं। इनका सटेलमेंट (बंदोबस्त)1907 में शुरु हुआ तथा मार्च 1910 में खत्म हो गया। इस पर 2 लाख 40 हजार रुपए खर्च हुए। सेटेलमेंट रजिस्टर में इसके तैयार करने के तक का खर्च वर्गमील के हिसाब से दर्ज है। इस दौरान रफ व फेयर रिकॉर्ड तैयार करने में 97 रुपए प्रति वर्गमील खर्च हुए थे। इस दौरान 1288 वर्गमील खालसा व जागीर गांव का सेलटमेंट किया गया। 6 छोटे इस्तमरारी गांव थे 32 वर्गमील के।
केकड़ी थी उप तहसील

अजमेर जिले में एडमिनेस्टे्रटिव तहसील अजमेर थी। जबकि केकड़ी उप तहसील थी। यहा एक्सट्रा असिस्टेंट कमिश्नर बैठते थे। मेरवाड़ा में ब्यावरव टॉडगढ़ तहसील थी। वहां पर दोनो जगहो पर एक-एक रेजीडेंट तहसीलदार होता था। अजमेर मेरवाड़ा पर कमिश्नर बैठते थे जो वर्तमान कलक्टर की हैसियत रखते थे। कमिश्न की सहायता के लिए दो असिस्टेंट कमिश्नर होते थे। एक अजमेर व दूसरा ब्यावर में बैठता था। कमिश्नर के पास डिस्ट्रिक सेशन जज की पावर होती थी। कमिश्नर न्यायिक कार्य भी करते थे। तहसीलदार को मुंशिफ के बाराबर पावर थी।
अजमेर के पास दो कंटोनमेंट एरिया

अजमेर के पास दो कंटोनमेंट एरिया था। एक नसीराबाद व दूसरा देवली। देवली अजमेर की सीमा में नहीं था लेकिन अजमेर कमिश्नर ही देवली का कंटोनमेंट को कंट्रोल करता था। अजमेर मेरवाड़ा में 2711 वर्गमील में था। 1281 वर्गमील में राजपूत इस्तमरदारों का कब्जा था। बाकी एरिया कमिश्नर के कब्जे में था। 142 वर्गमील गर्वनमेंट फॉरेस्ट एरिया था।
4 लाख 60 हजार थी जनसंख्या वर्ष

1881 की जनगणना के अनुसार अजमेर मेरवाड़ा की जनसंख्या 4 लाख 60 हजार 772 थी। वर्ष 1891 में अजमेर मेरवाड़ा की जनसंख्या 5 लाख 42 हजार 358 पहुंच गई। जबकि 1901 की जनगणना में अजमेर मेरवाड़ा की आबादी में कमी आई। आबादी 4 लाख 75 हजार 912 ही रह गई। 80 प्रतिशत आबादी हिंदू थी। मुस्लिम 15 प्रतिशत थे। जबकि शेष जेन व क्रिश्चियन थे। 55 प्रतिशत लोग किसान थे शेष अन्य कार्य करते थे। अजमेर मेरवाड़ा रीजन में होने वाली स्टेटिकल्स (सांख्यकि) में अजमेर में मेरवाड़ा में कृषि उपज, सेंसट डेटा, बरसात का डाटा 25 साल पहले का एवरेज डाटा लिया जाता था। टेबल, रिकॉर्ड के रूप में आज भी उपलब्ध है।
देश में थी 433 मिलियन एकड़ भूमि

गांधी भवन स्थित दस्तावेजों पर गौर करें तो पता चलता है कि स्टेटिकल्स एटलस ऑफ इंडिया 1886 में पहली बार तैयार हुआ। इसमें देश की भूमियों का भी वर्गीकरण किया गया था। देश में 433 मिलियन एकड़ भूमि थी। इसमें बंजर भूमि 116 मिलियन एकड़ भूमि, वन 47 मिलियन एकड़, असिंचित खेती 70 मिलियन एकड़, असिंचित खेती 95 मिलियन एकड़, असिंचित खेती 20 मिलियन एकड़, सिंचित किया जाने योग्य उसर भूमि 43 मिलियन एकड़, सिंचित लायक उसर 33 मिलियन एकड़ था।
47 कैनाल से होती थी सिंचाई

स्टेटिकल्स एटलस ऑफ इंडिया 1886 में पहली बार तैयार हुआ। 1895 के अनुसार देश में 47 कैनाल थी। कैनाल की दृष्टि से देश को पंजाब रीज, नार्थ वेस्ट प्रोविंस, बंगाल, मद्रास, बाम्बे, सिंध प्रोविंश में बांटा गया था।
पंजाब

पंजाब में बारी दोआब कैनाल, चेनाब कैनाल, लोअर सोहाग एंड पारा कैनाल, लोवर सतलुज कैनाल, शाहपुर इनुडेशन कैनाल, सिद्धनाई कैनाल, सरहिंद कैनाल, स्वात रीवर कैनाल, वैस्र्टन मुम्मा कैनाल थी।

नार्थ वेस्ट प्रोविंस
इडेन कैनाल, मिदनापुर केनाल, ओड़ीसा कैनाल, ओड़ीसा कोस्ट एंड हिज्जी टाइडल कैनाल, सरन कैनाल,सोना कैनाल थीं।

मद्रास

मद्रास रीजन में बकिंघम कैनाल, कावेरी डेल्टा सिस्टम, गोदावरी डेल्टा सिस्टम, किस्तना डेल्टा सिस्टम, कुर्नूल कुडप्पा कैनाल, पन्नेर एनीकट सिस्टम, रुसिकुलिया प्रोजेक्ट, संगमन एनीकट सिस्टम, श्रीवैकुंटम डेल्टी सिस्टम।
बोम्बे

इकरुक टैंक, हथमाती कैनाल, कडवा रीवर वक्र्स, कृष्णा कैनाल, लोवर पंझरा रीवर वर्कस,महस्वा टैंक, मूथा कैनाल, नीरा कैनाल, परवारा रीवर वक्र्स।

सिंध

बेगरी कैनाल, डीजर्ट कैनाल, फुलेली कैनाल, मिठरू कैनाल, पिनयारी कैनाल, सुकुर कैनाल,अनहरवाह कैनाल तथा वेस्टर्न नारा कैनाल के जरिए सिंचाई होती थी।
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