गाजे-बाजे के साथ वानर सेना के साथ राम-लक्ष्मण और हनुमान लोडिंग टेम्पो में सवार होकर पहुंचे। इससे पहले काली माता की सवारी निकाली गई। घोड़े पर सवार रावण हिलता-डुलता हुआ नीचे उतरा। उसने उतरते ही पहले मूंछों पर ताव दिया और तख्त पर जाकर बैठ गया। मुख्य अतिथि हरपाल सिंह छाबड़ा ने बाल रामायण मंडल अध्यक्ष विकास बुंदेल और अन्य का स्वागत किया।
हनुमान ने पकड़ा लक्ष्मण को
युद्ध के दौरान मेघनाद के वार से घायल लक्ष्मण के जमीन पर गिरने से पहले हनुमान ने उन्हें थाम लिया। संजीवनी बूटी लेने गए हनुमान पेड़ों का बना गुलदस्ता ले आए। इसी तरह बाली-सुग्रीव के युद्ध के दौरान बाली जमीन पर गिरा तो भगवान राम ने कहा…अरे जल्दी उठके साइड में जा। कुंभकर्ण के भी नींद से जागने और नीचे गिरने पर कार्यकर्ता उठाकर ले गए। इस भरपूर तालियां बजी।
युद्ध के दौरान मेघनाद के वार से घायल लक्ष्मण के जमीन पर गिरने से पहले हनुमान ने उन्हें थाम लिया। संजीवनी बूटी लेने गए हनुमान पेड़ों का बना गुलदस्ता ले आए। इसी तरह बाली-सुग्रीव के युद्ध के दौरान बाली जमीन पर गिरा तो भगवान राम ने कहा…अरे जल्दी उठके साइड में जा। कुंभकर्ण के भी नींद से जागने और नीचे गिरने पर कार्यकर्ता उठाकर ले गए। इस भरपूर तालियां बजी।
किसको दिखाएं, पब्लिक को हटा..
रामलीला के दौरान लोगों के बारबार सामने आने पर रावण बना पात्र कुछ टेंशन में दिखा। उसने कार्यकर्ताओं को कहा….कि पब्लिक को तो हटाओ..किसको रामलीला दिखाएंगे हम। इसी तरह सीता के साथ वानरों के मंच पर बैठने पर रावण बोला…अरे सीता तू यहां रुक….वानरो तुम तो राम के पास जाकर बैठो।
रामलीला के दौरान लोगों के बारबार सामने आने पर रावण बना पात्र कुछ टेंशन में दिखा। उसने कार्यकर्ताओं को कहा….कि पब्लिक को तो हटाओ..किसको रामलीला दिखाएंगे हम। इसी तरह सीता के साथ वानरों के मंच पर बैठने पर रावण बोला…अरे सीता तू यहां रुक….वानरो तुम तो राम के पास जाकर बैठो।
रोचक कॉमेन्ट्री पर ठहाके….
धर्मेन्द्र खटूमरा ने रोचक अंदाज में विभिन्न प्रसंगों का वर्णन किया। उनके जाओ शूर्पनखा कटी नाक का आयुर्वेद इलाज कराओ.., भाइयों में बता दूं…दशरथ के तीन रानियां थी…काले-काले मरते जाओ..राम की जय लगाते जाओ..पर ठहाके लगे। इसी तरह कन्हैयालाल ने भी शानदार अंदाज में प्रसंग सुनाए। इस दौरान रामजी की निकली सवारी…, छोटी सी नगरिया..जैसे गीत भी गूंजे।
धर्मेन्द्र खटूमरा ने रोचक अंदाज में विभिन्न प्रसंगों का वर्णन किया। उनके जाओ शूर्पनखा कटी नाक का आयुर्वेद इलाज कराओ.., भाइयों में बता दूं…दशरथ के तीन रानियां थी…काले-काले मरते जाओ..राम की जय लगाते जाओ..पर ठहाके लगे। इसी तरह कन्हैयालाल ने भी शानदार अंदाज में प्रसंग सुनाए। इस दौरान रामजी की निकली सवारी…, छोटी सी नगरिया..जैसे गीत भी गूंजे।
अतिथियों का स्वागत :
इससे पूर्व बाल रामायण मंडल अध्यक्ष विकास बुंदेल ने रामलीला के पात्रों व अतिथियों का स्वागत किया। कांग्रेस नेता हेमंत भाटी, पार्षद द्रोपदी कोली, चंचल बैरवाल, चंदन सिंह, रेखा पिंगोलिया, कीर्ति हाड़ा मौजूद रही। धौलाभाटा स्थित गुरु हरिकिशन पब्लिक स्कूल के निकट भी रावण दहन किया गया। इन्होंने अदा की भूमिका : राहुल खटूमरा-राम, जुगनू-लक्ष्मण, दुष्यन्त-सीता, नवनीत कालेड़ा-रावण, संजय-मेघनाद, सतीश-कुंभकर्ण, गजवीर-बाली, राहुल-सुग्रीव, शशांक-गणेशजी
इससे पूर्व बाल रामायण मंडल अध्यक्ष विकास बुंदेल ने रामलीला के पात्रों व अतिथियों का स्वागत किया। कांग्रेस नेता हेमंत भाटी, पार्षद द्रोपदी कोली, चंचल बैरवाल, चंदन सिंह, रेखा पिंगोलिया, कीर्ति हाड़ा मौजूद रही। धौलाभाटा स्थित गुरु हरिकिशन पब्लिक स्कूल के निकट भी रावण दहन किया गया। इन्होंने अदा की भूमिका : राहुल खटूमरा-राम, जुगनू-लक्ष्मण, दुष्यन्त-सीता, नवनीत कालेड़ा-रावण, संजय-मेघनाद, सतीश-कुंभकर्ण, गजवीर-बाली, राहुल-सुग्रीव, शशांक-गणेशजी