संभाग के सबसे बड़े अस्पताल में सफाई व्यवस्था के हालात भू-तल पर बने वार्ड, परिसर में कुछ स्तर पर दुरुस्त हैं मगर प्रथम, द्वितीय मंजिल पर बने वार्ड, गलियारे में सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है। यहां कोनों, गैलरी की खिड़कियों (vindo)पर पान-गुटकों के पीक के निशान लगे हैं। कचरा पात्रों (dustbin)में कई जगह कचरा भरा हुआ है, नालियों के पास डिस्पोजल, बचा खाना-सब्जियां आदि डालकर मरीजों के परिजन भी गंदगी करने से बाज नहींआ रहे हैं। इसकी वजह है कि कई जगह दूर-दूर तक डस्टबिन नहीं लगे हुए हैं। कहीं हैं तो उनमें कचरा भरा हुआ है। सफाई के लिए एक फर्म को 6 लाख से अधिक का टेण्डर भी है मगर सफाई व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ है।
यहां हैं संक्रमण (infection) का खतरा शिशु रोग विभाग के सीढिय़ों के नीचें गंदगी पसरी हैं, दवा काउंटर के पास, फिमेल वार्ड की गैलरी, प्रशासनिक भवन के सामने पोर्च, यहां बैठकर लोग खाना खाते हैं और पास में नाले खुले पड़े हैं। ईएनटी वार्ड से पहले प्याऊ के पास गंदगी पसरी है, कार्डियोलोजी विभाग की ऊपर जाने वाले रैंप के कोनों, खिड़कियों पर गंदगी व पीक के निशान, सर्जरी विभाग की ओपीडी के पास गंदगी संक्रमण को बढ़ावा दे सकती है।
मरीजों से अधिक अटेंडेंट का प्रवेश, कोई रोकटोक नहीं अस्पताल की सफाई व्यवस्था में सबसे बड़ी बाधा मरीजों के अटेंडेंट की भी आ रही है। गैलरी में बैठकर खाना खाने, बची सब्जी आदि को वहीं पास के कोने, नाली में डाल कर रवाना हो जाते हैं। गैलरियों में लोग खाना खाकर वहीं गंदगी फैलाते मिले। ना जुर्माना, ना कार्रवाईसफाई व्यवस्था को लेकर किसी तरह का जुर्माना अस्पताल प्रशासन की ओर से नहीं लगाया जा रहा है। दीवारों पर 100 रुपए जुर्माना राशि लिखी है मगर गंदगी फैलाने वालों पर जुर्माना कई समय से नहीं लगाया गया है।