डाक विभाग आरएमएस जे-डिवीजन में लम्बे समय तक चले फ्रैकिंग मशीन घोटाले में विभाग ने लापरवाही का दोषी मानते हुए विभाग 45 अधिकारियों-कर्मचारियों को चार्जशीट जारी करते हुए कार्रवाई की। उनके वेतन भत्तों से 17 लाख रुपए की रिकवरी की गई। जांच के दौरान अनिल कुमार का तबादला डाक विभाग जोधपुर कर दिया गया। सीबीआई ने स्पीड पोस्ट सेंटर की पूर्व मैनेजन मोहनी गुप्ता,निमित्त चौधरी,पूर्व अधिकारी बी.एल.कुम्हार,पूर्व एसएसपी एन.के.बोहरा व विभाग के पूर्व असिस्टेंट पोस्टमास्टर मोहम्मद हनीफ के खिलाफ मुकदमा एफआईआर दर्ज की थी। मामला दर्ज होने के कुछ समय बाद ही विकलांग महिला अधिकारी मोहिनी गुप्ता की मौत हो गई थी।
मुख्य अभियुक्त निमित्त चौधरी सहित एक अन्य डाक छटाई सहायक अनिल कुमार सिंह की ड्यूटी आरएमएस के रेलवे स्टेशन स्थित स्पीड पोस्ट सेंटर पर थी। यहा बल्क डाक बुकिंग पर फ्रैंकिग मशीन के जरिए टिकट लगाए जाते थे। बुकिंग कराने वाले से तो नियमानुसार टिकट राशि ली जाती थी लेकिन फ्रैंकिग मशीन में भी सही डाटा दर्ज किया जाता था लेकिन विभाग को जमा करवाए जाने वाली राशि में गड़बड़ करते हुए कम राशि जमा करवाई जाती और बाकी राशि का गबन किया जाता था। उदाहरण के लिए 50 हजार रुपए के टिकट फ्रैंकिग मशीन के जरिए लगाए तो विभाग को 5 हजार रुपए ही जमा करवाए जाते थे। निरीक्षण करने वाले अधिकारी भी लापरवाही बरते रहे और गबन का यह खेल लम्बे समय तक चलता रहा, इसमें कई बड़े अधिकारी भी शामिल रहे।