शहर में निर्माण कार्यों के चलते बजरी के छोटे और बड़े ट्रक, ट्रेक्टर,सीमेंट और सरियों के ट्रेलर की आवाजाही लगातार जारी है। शहर के हृदय स्थल कहे जाने मदार गेट-स्टेशन रोड, कचहरी रोड, कलक्ट्रेट से लेकर आदर्श नगर, नसीराबाद रोड, मदार-गुलाबबाड़ी, केसरगंज-रामगंज, वैशाली नगर, फायसागर रोड, पंचशील, माकड़वाली इलाकों में ट्रक-ट्रेक्टर और ट्रेलर स्पीड से दौड़ते देखे जा सकते हैं।
यह सिलसिला सुबह से देर रात तक चलता है। मुख्य सडक़ों के अलावा कॉलोनियों और अंदरूनी इलाकों तक यह दनदनाते हुए दौड़ रहे हैं। कई स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थी, दफ्तर जाने वाले कर्मचारी, राहगीर इनकी चपेट में होकर चोटिल हो चुके हैं। कुछेक हादसों में तो मासूम विद्यार्थियों, लोगों की मौत भी हुई है।
कहां खो गई कलक्टर की पाबंदी पिछले साल रामभवन के पास बजरी के ट्रेक्टर ने एक मासूम को कुचल दिया था। हादसे को गंभीर मानते हुए तत्कालीन कलक्टर गौरव गोयल ने सुबह 6 से रात्रि 8 बजे तक ट्रेक्टर, बड़े और छोटे ट्रक, ट्रेलर की शहर में आवाजाही पर रोक लगा दी थी। कुछ दिन यातायात पुलिस ने भी सख्ती बरती। लेकिन बाद में सब सडक़ों पर हादसों का तमाशा देखने में व्यस्त हो गए। परिवहन विभाग भी नियमों की दुहाई देकर चुप्पी साधे बैठ गया। सडक़ सुरक्षा सप्ताह अथवा यातायात पुलिस के अभियान के दौरान रस्मी तौर पर ही इनके खिलाफ कार्रवाई हुई है।
हादसे के बाद केवल अफसोस… भवन निर्माण सामग्री और अन्य कार्यों से दौडऩे वाले ट्रक-ट्रेक्टर, ट्रेलर कई लोगों को मौत का शिकार बना चुके हैं। हादसों के बाद केवल जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारी अफसोस जताने के अलावा कुछ नहीं कर पाते हैं। यही हाल सडक़ों पर दौड़ रही निजी बसों का है। कोटड़ा में बना निजी बस स्टैंड सूना पड़ रहता है। निजी बसें गौरव पथ, रेम्बल रोड, जीसीए, रीजनल कॉलेज के आसपास से दौड़ रही हैं।