अतिक्रमण पता हैं, लेकिन हटाए नहीं सड़क निर्माण के बीच पूर्व में सर्वे कर करीब 66 अतिक्रमण चिह्नित किए गए थे। अतिक्रमण हटाने के लिए जगह-जगह पर लाल रंग से निशान भी दीवारों पर लगाए गए। लेकिन अतिक्रमण अब तक नहीं हटाए जा सके। सड़क की चौड़ाई 180 फीट निर्धारित है लेकिन जहां जितनी जगह मिल रही उतना ही निर्माण हो रहा है। अधिकारियों द्वारा ना तो अतिक्रमण हटाए जा रहे हैं और ना ही सड़क की निर्धारित चौड़ाई के अनुसार काम किया जा रहा है जिससे खर्च भी नहीं करना पड़ रहा।
नजर आने लगा घटिया निर्माण मॉनिटरिंग के नाम पर अभियंताओं की पूरी फौज स्मार्ट सिटी ने 12 करोड के ठेके में परियोजना सलाहकार एजेंसी ले रखी है मगर उनका कोई नुमाइंदा साइट पर नजर नहीं आता। स्मार्ट सिटी के नाम पर बनाई जा रही सड़कों के काम में जमकर लीपापोती हो रही है। सड़क के डिवाइडर निर्माण में क्रेशर डस्ट का जमकर उपयोग किया जा रहा है। हालांकि अभी तो डिवाइडर पूरी तरह बनकर तैयार भी नहीं हुए हैं लेकिन इनका प्लास्टर अभी से झड़ने लगा है। जंग लगे सरिए नजर आने लगे हैं। अभियंताओं का ध्यान क्वालिटी पर नहीं है।