सीटों पर नहीं गद्दियां
रोडवेज बसों के बाहरी हालत ही खराब नहीं है, बल्कि उनके अंदर बैठने के लिए बनाई गई सीट भी पूरी तरह से लकड़ी के तख्ते में तब्दील हो चुकी हैं। जिससे यात्रियों को तख्ते पर ही बैठकर लंबी यात्राएं करनी पड़ रही हैं। सीटों पर कवर के नाम पर कुछ बचा ही नहीं है।
जगह-जगह पीक और गंदगी से भरी रहती हैं बसें रोडवेज बसों की हालत इतनी खराब है कि उनमें सफाई के नाम पर तो शायद ही कभी कोई झाड़ू लगाया गया हो। बसों के अंदर जगह-जगह पीक और थूक के निशान और कचरे का ढेर यात्रियों के सफर को और भी दुर्गंध युक्त बना रहा है।
किराया पूरा, लेकिन सुविधाएं अधूरी
यात्रियों ने रोडवेज बस सफर को इन दिनों बेहद ही महंगा बताया है और कहा कि रोडवेज द्वारा लगातार किराए में वृद्धि की जा रही है। जिसका सीधा असर सफर करने वाले यात्रियों पर हो रहा है, लेकिन सुविधा के नाम पर रोडवेज में कोई भी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जा रही।
रास्ते में ही खराब हो जाती हैं बसें यात्रियों ने रोडवेज बस की स्थिति के बारे में बताते हुए कहा कि बाड़ी से जयपुर जाने वाली बस आए दिन रास्ते में खराब हो जाती हैं, जहां से यात्रियों को फिर अन्य बस में शिफ्ट करना पड़ता है बाड़ी से जयपुर जाने वाली बस शनिवार को भी छोकरवाड़ा के पास खराब हो गई। जिसके चलते सभी यात्रियों को दूसरी बस में शिफ्ट करना पड़ा। जिससे बस में सवार वृद्ध जनों सहित महिलाएं सहित छोटे-छोटे दूध पीते बच्चे थे। उनको इस भीषण गर्मी में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। यह कोई नया मामला नहीं, बल्कि आए दिन ऐसी घटनाएं सुनने एवं देखने को मिल रही है।
क्या कहते हैं रोडवेज शाखा धौलपुर के टाइम कीपर रोडवेज शाखा धौलपुर कार्यालय के टाइम कीपर रामद्वारे शर्मा का कहना है कि यहां से लंबे रूट पर चलने वाली सभी गाडिय़ों को विशेष रूप से मैकेनिक से जांच करके रवाना किया जाता है। फिर भी बसे हैंं, मशीनरी में खराबी आ जाती है।