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RPSC: कोरोना संक्रमण का असर, परीक्षा से दूर रहे 50 फीसदी अभ्यर्थी

locationअजमेरPublished: Aug 08, 2020 07:24:42 am

Submitted by:

raktim tiwari

आयोग के तत्वावधान में प्राध्यापक संस्कृत परीक्षा 4 अगस्त से शुरू हुई थी। चार दिन में 7 विषयों के पेपर कराए गए।

rpsc school lecturer exam

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अजमेर.

राजस्थान लोक सेवा आयोग के तत्वावधान में चार दिन से जारी प्राध्यापक (संस्कृत शिक्षा) प्रतियोगी परीक्षा-2018 खत्म हो गई। सभी संभागीय मुख्यालयों पर शांतिपूर्ण ढंग से परीक्षा कराई गई।

आयोग के तत्वावधान में प्राध्यापक संस्कृत परीक्षा 4 अगस्त से शुरू हुई थी। चार दिन में 7 विषयों के पेपर कराए गए। इनमें ज्यादातर विषयों में 50 फीसदी अभ्यर्थी ही उपस्थित हुए। यह माना जा रहा है कि कोरोना संक्रमण और अन्य कारणों से 50 फीसदी अभ्यर्थी परीक्षा से दूर रहे।
शुक्रवार को सुबह 9 से 12 बजे तक इतिहास और दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक सामान्य व्याकरण विषय का पेपर हुआ। इतिहास की परीक्षा में 7911 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। इनमें से 2904 उपस्थित और 5007 अनुपस्थित रहे। सामान्य व्याकरण की परीक्षा में 5610 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। इनमें से 2842 उपस्थित और 2768 अनुपस्थित रहे थे।
अजमेर में सर्वाधिक उपस्थिति
इतिहास के पेपर में अजमेर में सर्वाधिक 396 (66.53 प्रतिशत) अभ्यर्थी बैठे। जबकि सामान्य व्याकरण में उदयपुर संभाग में 190 (49.35 प्रतिशत)अभ्यर्थी बैठे। जबकि बीकानेर में इतिहास विषय में सबसे कम 358(27.60 प्रतिशत) और सामान्य व्याकरण में 153 (38.35 प्रतिशत)अभ्यर्थी शामिल हुए। जयपुर में इतिहास में 926 अभ्यर्थी उपस्थित, 2033 अनुपस्थित तथा सामान्य व्याकरण में 1696 उपस्थित और 1541 अनुपस्थित रहे। उदयपुर संभाग में इतिहास में144 उपस्थित और 304 अनुपस्थित रहे। जोधपुर संभाग में इतिहास में 396 उपस्थित और 830 अनुपस्थित, सामान्य व्याकरण में 135 अभ्यर्थी उपस्थित और 122 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। भरतपुर संभाग में इतिहास में 111 उपस्थित और 257 अनुपस्थित, सामान्य व्याकरण में 196 अभ्यर्थी उपस्थित और 219 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे।
डिप्लोमा कोर्स में लीजिए एडमिशन,10 अगस्त से ऑनलाइन फॉर्म

अजमेर. राज्य के सरकारी और निजी पॉलीटेक्निक कॉलेज में प्रथम वर्ष डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने वाली है। तकनीकी शिक्षा विभाग ने केंद्रीय प्रवेश पद्धति से प्रवेश के तहत 10 अगस्त से विद्यार्थी ऑनलाइन फार्म और विकल्प पत्र भर सकेंगे।
प्रदेश में 43 सरकारी और 108 निजी और निजी पॉलेटेक्निक कॉलेज संचालित हैं। इनमें इंजीनियरिंग और नॉन इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम की करीब 40 हजार से ज्यादा सीट हैं। सरकारी कॉलेज में करीब 5 हजार और निजी कॉलेज में 35 हजार सीट हैं। विभिन्न कॉलेज के पाठ्यक्रमों में विद्यार्थी प्रवेश लेते हैं।
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