राजस्थान लोक सेवा आयोग ने संस्कृत शिक्षा विभाग के लिए आयोजित प्राध्यापक (विद्यालय) प्रतियोगी परीक्षा-2018 के तहत हिंदी, अंग्रेजी, साहित्य, व्याकरण, सामान्य व्याकरण और इतिहास विषय के परिणाम घोषित कर दिए हैं। सचिव शुभम चौधरी ने बताया कि प्राध्यापक अंग्रेजी, हिंदी, साहित्य और व्याकरण की लिखित परीक्षा 5 अगस्त, सामान्य व्याकरण और इतिहास की परीक्षा 7 अगस्त 2020 को हुई थी। आयोग ने प्राध्यापक इतिहास में 15, अंग्रेजी में 110, हिंदी में 105, साहित्य में 121, व्याकरण में 117 और सामान्य व्याकरण 128 अभ्यर्थियों को अस्थाई तौर पर पात्रता जांच के लिए विचारित सूची में शामिल किया है।
यह चयन सूची/वरीयता सूची नही है। अंतिम रूप से सफल अभ्यर्थियों की सूची दस्तावेज सत्यापन के पश्चात जारी होगी। दस्तावेज सत्यापन का कार्य काउन्सलिंग के माध्यम से किया जाएगा। इसके लिए अभ्यर्थियों को विस्तृत आवेदन पत्र भरना होगा।
यह चयन सूची/वरीयता सूची नही है। अंतिम रूप से सफल अभ्यर्थियों की सूची दस्तावेज सत्यापन के पश्चात जारी होगी। दस्तावेज सत्यापन का कार्य काउन्सलिंग के माध्यम से किया जाएगा। इसके लिए अभ्यर्थियों को विस्तृत आवेदन पत्र भरना होगा।
लैब में आउटडेट हुए उपकरण, इनसे कराते 21 वीं सदी की पढ़ाई… रक्तिम तिवारी/अजमेर. महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय का देश के श्रेष्ठ संस्थानों की सूची में स्थान बनाने का सपना पूरा होना मुश्किल है। अव्वल तो गिनती लायक शिक्षक एवं विद्यार्थी की कमी जिम्मेदार है। तिस पर विज्ञान संकाय के विभागों में हाईटेक और नई तकनीकी के उपकरण नहीं है। 25 साल पुराने कई उपकरण आउटडेट हो चुके हैं। फिर भी विवि लैब में इन्हें सजाए बैठा है।
विश्वविद्यालय में जूलॉजी, बॉटनी, प्योर एंड एप्लाइड केमिस्ट्री, माइक्रोबायलॉजी, पर्यावरण विज्ञान और रिमोट सेंसिंग विज्ञान संचालित हैं। इन विभागों की पिछले 30 साल से पृथक लैब हैं। सभी विभागों में राज्य सरकार-यूजीसी एवं राष्ट्रीय उच्च शिक्षा अभियान (रूसा) से मिले बजट से केमिकल, उपकरण और अन्य सामग्री की खरीद-फरोख्त होती है। लेकिन लैब में हाईटेक और नई तकनीक के उपकरणों को लेकर विवि के हालात बेहद दयनीय है।