इनमें डर्मेटोलॉजी, वेनेरेलॉजी, लेप्रोसी, ओबस्ट्रेटिक्स एंड गाइनोकॉलोजी, फार्मोकोलॉजी, एंडोक्राइनोलॉजी,प्लास्टिक एंड री-कंस्ट्रेक्टिव सर्जरी, पीडियाट्रिक सर्जरी, न्यूक्लियर मेडिसन, कार्डियोलॉजी, मेडिकल गेस्ट्रोएन्ट्रोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, बायोकेमिस्ट्री, कम्यूनिटी मेडिसन, मेडिकल ऑनकॉलोजी, नेफ्रोलॉजी, सर्जिकल ऑनकॉलोजी, जनरल मेडिसन, माइक्रोबायलॉजी, रेडियोडाइग्नोसिस, जनरल सर्जरी, रेडियोलॉजिकल फिजिक्स, फिजिकल मेडिसन एंड रिहेबिलिटेशन, ऑर्थोपेडिक्स, न्यूरोलॉजी, ऑफ्थेलमॉलोजी, साइकेट्री, रेडियोथेरेपी के पद शामिल होंगे।
14 साल बाद दिखाई दी जमीन, हैरान रह गए लोग अजमेर. उच्च शिक्षा विभाग को 14 साल बाद कन्या महाविद्यालय के नाम से आवंटित जमीन की याद आई। विभाग के निर्देश पर जिला प्रशासन ने हलका पटवारी को भेजकर कायड़ रोड स्थित जमीन से झाडिय़ां और अतिक्रमण हटवाए। मंगलवार को जमीन को नपवाया जाएगा।
साल 2007-08 में सरकार ने महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय स्थित चौराहे पर 32 बीघा जमीन राजकीय कन्या महाविद्यालय को आवंटित की। छात्राओं की आवाजाही में परेशानी को देखते हुए महाविद्यालय ने वहां भवन बनाने से इन्कार कर दिया। बाद में सरकार ने 12 बीघा जमीन लॉ कॉलेज को आवंटित कर दी। कॉलेज से सटी 20 बीघा जमीन पर चाय की थडिय़ां, झुग्गी-झौंपड़ी बन गईं। बीते फरवरी में ‘ बरसों पहले आवंटित जमीन, अब ढूंढ रहा उच्च शिक्षा विभाग Óशीर्षक से खबर प्रकाशित की थी।